मेरठ क्राइम न्यूज़: ऊर्जा निगम में भ्रष्टाचार चरम पर हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जीरो टोलरेंस नीति पर काम करने के लिए कह रहे है और अधिकारी भ्रष्टाचार करने में जुटे हैं। ईमानदार मुख्यमंत्री, लेकिन सिस्टम भ्रष्टाचार से बाहर नहीं निकल रहा हैं। जिस अधिशासी अभियंता को भ्रष्टाचार के मामले में पहले हटाया जा चुका हैं, उसे अभियंता को फिर से ऊर्जा निगम के एमडी ने मलाईदार पोस्टिंग दे दी हैं। अब फिर से इस अधिकारी का भ्रष्टाचार का एक वीडियो वायरल हो रहा हैं। इस वीडियो ने ऊर्जा निगम में भ्रष्टाचार की कलई खोलकर रखी हैं। इसमें अभियंता साफ कह रहा है कि 70 हजार चाहिए, इसके बाद ही काम करुंगा।
ये अभियंता की आवाज भी रिकॉर्ड हुई हैं। आवाज को साफ सुना जा सकता हैं। इस तरह से चल रहे भ्रष्टाचार पर ऊर्जा निगम एमडी मौन बने हुए हैं। इसमें कुछ भी बोल नहीं रहे हैं। ये वीडियो वायरल हो रही हैं, जिसने ऊर्जा निगम में किस कदर भ्रष्टाचार सिस्टम को चट कर रहा है, वो उजागर हो गया हैं।
ऊर्जा निगम के अधिशासी अभियंता को जरा भी डर नहीं लग रहा हैं। खुलेआम ऊर्जा निगम में काम कराने के बदले में 70 हजार रुपये की मांग कर रहा हैं। उपभोक्ता साफ कह रहा है कि वह पचास हजार रुपये दे सकता हैं, लेकिन अभियंता ने कह दिया कि 70 हजार रुपये ही चाहिए, इससे कम नहीं लेंगे। इसके बाद ही काम करेंगे। रुपयों लेन-देन की डीलिंग के इस वीडियो ने ऊर्जा निगम के अफसरों को भ्रष्टाचार के कटघरे में खड़ा कर दिया हैं।
जो अधिशासी अभियंता घूस मांग रहे हैं, वह इससे पहले हापुड़ में भी रिश्वस्त मांग रहे थे। वहां से पहले ही इनको हटाया जा चुका हैं। अब फिर से कार्य के बदले 70 हजार रूपये की मांग की हैं। भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद भी फिर से इन अभियंता को कैसे अच्छी तैनाती दे दी? यह भी बड़ा सवाल हैं। इनके खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन इस भ्रष्टाचार के मामले को भी ऊर्जा निगम के एमडी दबा गए।
क्योंकि इस वीडियो के वायरल होने से ऊर्जा निगम की खासी किरकिरी हो रही हैं। 'जनवाणी' के पास अभियंता का वीडियो मौजूद हैं। एमडी ऊर्जा पर आरोप लगाए गए है कि उन्होंने इस अधिशासी अभियंता को पैसे लेकर मनचाही जगह तैनाती दी है। बताया जा रहा है यह अधिशासी अभियंता इस समय मुरादाबाद जोन में अच्छी तैनाती दी गई र्हं।
वहां पर भी अवैध रूप से वसूली कर रहे हैं। हालांकि वायरल वीडियो में इस बात का पता नहीं चल रहा है कि यह वीडियो कब का है और कहां का हैं, इसकी 'जनवाणी' पुष्टि नहीं करता। जांच पड़ताल होने के बाद ही यत साफ होगा कि वायरल वीडियो कहां का हैं?
…तो मेरठ में भी मीटरों को किया जा रहा धीमा
स्मार्ट मीटरों को धीमा करने के साथ ही उनकी रिडिंग डिलीट करने का खेल भी चल रहा है। लखनऊ में एसटीएफ ने एक ऐसे ही गिरोह का खुलासा किया है, जो उपभोक्ताओं से पैसे लेकर उनके मीटरों की स्पीड कम कर देता था। साथ ही एक केमिकल का प्रयोग करते हुए रिडिंग डिलीट करने का भी खेल चल रहा है। ऐसा महाखेल मेरठ में भी चलने की संभावना जताई जा रही है। लखनऊ में तो एसटीएफ ने गिरोह पकड़ लिया। अब देखना यह है कि मेरठ में यह गिरोह कैसे पकड़ में आता हैं।
मेरठ की घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बिजली विभाग व विजिलेंस की टीम छापेमारी करने से बचती है। इन इलाकों में भी लखनऊ की तर्ज पर बिजली मीटरों के साथ छेड़छाड़ होने की संभावना है। लिसाड़ी गेट, श्याम नगर, भूमिया का पुल, जाकिर कॉलोनी जैसे घनी आबादी वाले इलाको में बड़ी संख्या में बिजली मीटरों के साथ छेड़छाड़ होने की संभावना है।
कई बार विभाग के पास इसकी शिकायत भी पहुंची है, लेकिन विद्युत विभाग की टीम के साथ बदसलूकी होने की आशंका के चलते छापेमारी नहीं हो पा रही है। बिजली मीटरों में छेड़छाड़ करने के साथ उनकी रिडिंग कम करने का खेल कई सालों से जारी है, लेकिन इसपर किस तरह लगाम लग सकेगी यह बड़ा सवाल है। लखनऊ की घटना के बाद मेरठ में भी बिजली विभाग सतर्क दिखाई दे रहा हैं,
लेकिन इसमें भी ऊर्जा निगम के कर्मचारियों से मिलीभगत के साथ ही यह खेल चल रहा हैं। ऐसी संभावना जतायी जा रही हैं। विद्युत मीटरों में छेड़छाड़ करने के बाद रिडिंग आधी हो जाती है, जिससे विभाग को भारी वित्तीय घाटा उठाना पड़ रहा है। वहीं मीटरों से पुरानी रीडिंग भी हटा दी जाती है, जिसके बदले इस काम को करने वाला रैकेड मोटी धन-उगाही कर रहा है।
बिजली उपभोक्ताओं को ऊर्जा विभाग ने जारी की एडवाइजरी: विद्युत उपभोक्ताओं के मोबाइल पर बिजली कनेक्शन काटने को लेकर एसएमएस आ रहें है। जिसक शिकायत मिलने पर विभाग ने सभी उपभोक्ताओं के लिए एडवाइजरी जारी की है। मैसेज में कहा जा रहा है कि बिजली कनेक्शन कटने से बचाने के लिए आॅनलाइन पेमेंट जमा करें।
इसके लिए उपभोक्ताओं को लिंक भेजे जा रहे है जिसे विभाग ने फर्जी बताया है। गौरतलब है जालसाजों ने आम जनता से ठगी करने का नया रास्ता खोज निकाला है। बिजली का बिल जमा न होने पर कनेक्शन काटने की बात कही जा रही है। इसके साथ ही उपभोक्ताओं को अपना कनेक्शन कटने से बचाने के लिए उनके मोबाइल पर एसएमएस के जरिये एक लिंग भेजा जा रहा है जिसपर बिल जमा करने को कहा जा रहा है।
विभाग ने ऐसे किसी भी एसएमएस से बचने के लिए एडवाइजरी जारी की है जो यूपीपीसीएलटी/ यूपीपीसीएलए हैंडल से नहीं आए है। केवल आधिकारिक हैंडलों से ही उपभोक्ताओं को उनके बिजली बिल संबंधी मैसेज भेजे जाते है। इस तरह के मैसेज आनें पर हैल्पलाइन नंबर 1912 व नजदीकी बिजली घर से संपर्क करने को कहा गया है।