Varanasi: विभूतिखंड पुलिस ने खाते से रुपये निकालने वाले पांच आरोपियों को दबोचा

"कुछ फुटेज पुलिस को सौंपे थे. जिसकी मदद से गिरोह की पहचान हुई"

Update: 2025-01-03 09:00 GMT

वाराणसी: एटीएम की कैश-ट्रे जाम कर खाते से रुपये निकालने वाले पांच आरोपियों को विभूतिखंड पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया. गिरोह के सदस्यों ने यूट्यूब से कैश-ट्रे जाम करने की तरकीब सीखी थी. जिसे इस्तेमाल कर विभवखंड आईसीआईसीआई बैंक में वारदात को अंजाम दिया था. बैंक मैनेजर ने विभूतिखंड कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराते हुए. कुछ फुटेज पुलिस को सौंपे थे. जिसकी मदद से गिरोह की पहचान हुई.

कार्ड क्लोनिंग में पकड़े जाने पर कैश-ट्रे जाम करना शुरू किया इंस्पेक्टर विभूतिखंड सुनील सिंह ने बताया कि सुबह सहारा हॉस्पिटल के पास से कार सवार पांच बदमाशों को पकड़ा गया. जिनकी पहचान प्रतापगढ़ जेठवारा निवासी जितेंद्र सिंह, राजेश प्रताप सिंह, प्रतापगढ़ लीलापुर निवासी मो. सैफ, प्रतापगढ़ कंधई निवासी हिमांशु सिंह और कौशांबी निवासी अजय कुमार यादव के तौर पर हुई. आरोपियों के पास से विभिन्न बैंकों के 39 एटीएम कार्ड, 11 ब्लैक स्ट्रिप, कार और 24 हजार रुपये मिले हैं. इंस्पेक्टर सुनील सिंह के मुताबिक गिरोह का सरगना राजेश सिंह है. जिस पर धोखाधड़ी के करीब 22 मुकदमे दर्ज हैं. पूछताछ में आरोपी ने बताया कि गिरोह के सदस्य कार्ड क्लोनिंग करते थे. दर्जनों वारदातों को अंजाम देने के बाद गिरफ्तारी हुई. इसलिए यूट्यूब से एटीएम मशीन की कैश-ट्रे जाम करने की तरकीब सीखी. जिसका इस्तेमाल कई बैंकों में कर रुपये निकाले थे.

कैश-ट्रे जाम करने पर पकड़े जाने का खतरा कम: आरोपियों ने पुलिस को बताया कि कार्ड क्लोनिंग में गिरफ्तारी का डर रहता है. अब बैंक भी चिप बेस एटीएम/डेबिट कार्ड देते हैं. जिन्हें क्लोन करना आसान नहीं होता. वहीं, एटीएम कैश ट्रे करने पर पकड़े जाने का डर कम होता है. राजेश के मुताबिक कार्ड लगाने के बाद मशीन ट्रांजेक्शन पूरा करती है. बस डिस्पेंसर से कैश बाहर नहीं आता. ऐसे में लोग अक्सर वापस चले जाते हैं. उन्हें लगता है कि तकनीकी खराबी के कारण रुपये नहीं निकले. वहीं, बैंक के रिकार्ड में उपभोक्ता के खाते से रुपये निकाला जाना दर्शाता है.

एटीएम बूथ में बरतें सावधानी:

● एटीएम में अनजान व्यक्ति को नहीं आने दें

● पिन डालते वक्त कीपैड को हाथ से छिपा लें

● एटीएम इस्तेमाल करने में बाहरी व्यक्ति की मदद न लें

● कैश-ट्रे को भी चेक करे

कैश डिस्पेंसर में लगा देते हैं स्ट्रिप

● अपराधी बिना गार्ड वाले एटीएम बूथ को चुनते हैं.

● एटीएम डिस्पेंसर (जहां से रुपये निकलते हैं) उसमें उसी साइज की पट्टी फंसाते हैं

● ऐसे में रुपये खाते से तो कट जाते हैं. पर डिस्पेंसर से बाहर नहीं निकलते

● बूथ में रुपये निकालने आए व्यक्ति के जाने के बाद ठग स्ट्रिप हटा कर रुपये निकालते हैं

Tags:    

Similar News

-->