वाराणसी: ज्ञानवापी में सर्वे का आज 59वां दिन, छह अक्तूबर तक देनी है रिपोर्ट
वाराणसी के बहुचर्चित ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे का आज 59वां दिन है। एएसआई की टीम सुबह नौ बजे परिसर में दाखिल हुई। शाम पांच बजे तक सर्वे चलेगा। पुलिस और प्रशासनिक अफसरों के अनुसार दोनों पक्षों और उनके अधिवक्ताओं की मौजूदगी में सर्वे का काम शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा है। वजू-स्थल को छोड़कर संपूर्ण परिसर का सर्वे के लिए कोर्ट से निर्धारित अब महज कुछ ही दिन बचे हैं।
सर्वे रिपोर्ट छह अक्तूबर तक जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में पेश की जानी है। जिलाधिकारी को साक्ष्य मुहैया कराने है। अब फिर से इस बात की चर्चा शुरू हो गई है कि सर्वेक्षण के लिए एएसआई की ओर से अदालत से और समय की मांग की जा सकती है।
ज्ञानवापी में सर्वे की शुरुआत से अब तक तमाम उतार-चढ़ाव देखने को मिले हैं। सर्वे के 50वें दिन यानी बीते 23 सितंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी काशी के दौरे पर थे। उन्होंने पहली बार संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में मातृ शक्ति के बीच मां श्रृंगार गौरी का जिक्र किया था। साथ ही श्री काशी विश्वनाथ धाम का पुनरुद्धार कराने वाली अहिल्याबाई होल्कर को नमन किया था।
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अदालत ने बयानबाजी पर लगाई रोक
हिंदू पक्ष की बढ़ती बयानबाजी पर जिला जज की अदालत ने नाराजगी जताई और 10 अगस्त 2023 को सख्त रुख अख्तियार किया। अदालत ने कहा कि मामले से जुड़े पक्षकार व उनके अधिवक्ता, सरकारी वकील, एएसआई या जिला पुलिस-प्रशासन के अफसर मामले में बयानबाजी नहीं करेंगे। सीलबंद रिपोर्ट अदालत में प्रस्तुत होगी। इस बीच सर्वे को लेकर कोई भ्रामक समाचार प्रकाशित हुआ तो मामले में कानूनी कार्रवाई की जा सकेगी।
चार अगस्त से जारी है, विरोध के कारण डेढ़ दिन तक रुका रहा काम
अंजमुन इंतेजामिया मसाजिद कमेटी के विरोध के कारण ज्ञानवापी में डेढ़ दिन तक सर्वे नहीं हुआ। दरअसल, जिला जज की अदालत ने कहा था कि 2 सितंबर तक सर्वे रिपोर्ट पेश की जाए, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इस बीच एएसआई ने समय सीमा बढ़ाने की अर्जी लगाई। 8 सितंबर को सुनवाई होनी थी। इससे पहले ही मसाजिद कमेटी ने विरोध जताया और सर्वे रोक दिया। बाद में अदालत ने सर्वे की समयसीमा बढ़ाकर 6 अक्तूबर कर दी।
चार अगस्त से हो रहा सर्वे
जिला जज की अदालत के आदेश से 24 जुलाई 2023 को एएसआई ने सर्वे शुरू किया था। लगभग साढ़े पांच घंटे बाद सुप्रीम कोर्ट के आदेश से सर्वे रोक दिया गया। सुप्रीम कोर्ट और फिर इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश से सर्वे दोबारा 4 अगस्त से शुरू हुआ। 15 अगस्त को सार्वजनिक अवकाश था। इस बीच 4 से 9 अगस्त के बीच चार वादिनी महिलाओं ने हिंदू धर्म से जुड़े कई प्रतीक चिन्ह व अन्य सामग्रियां मिलने का दावा किया गया।