वाराणसी न्यूज़: वाराणसी-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे वाहनों की रफ्तार को धार देगा. यह एक्सप्रेस-वे वाराणसी से कोलकाता की दूरी 80 किलोमीटर कम कर देगा. इससे गंतव्य तक पहुंचने में समय बचेगा. इसका टेंडर हो गया है. फिलहाल भूमि अधिग्रहण चल रहा है.
भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी से कोलकाता तक प्रस्तावित एक्सप्रेस-वे रांची (झारखंड) होकर जाएगा. लगभग 35000 करोड़ की लागत से 610 किमी लम्बे एक्सप्रेस-वे के निर्माण की जिम्मेदारी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को दी गई है. इसमें वाराणसी से चंदौली होते हुए कैमूर व रोहतास (बिहार) तक सड़क निर्माण की जिम्मेदारी एनएचएआई की वाराणसी यूनिट को दी गई है.
यह इकाई लगभग 94 किलोमीटर एक्सप्रेस-वे बनाएगी. वाराणसी के सीमावर्ती रिंग रोड से सटे बरहुली (चंदौली) गांव के पास से इसका निर्माण शुरू होगा. इससे आगे प्राधिकरण की अन्य इकाइयां काम करेंगी. वाराणसी एक्सप्रेस-वे चार से छह लेन का होगा. जरूरत के हिसाब से इसकी चौड़ाई 35 मीटर से 60 मीटर तक होगी. इसके लिए कुल 1340 हेक्टेयर जमीन का अधिग्रहण होना है.
६१० किलोमीटर लम्बा होगा यह मार्ग
आर्थिक विकास को मिलेगा बढ़ावा
यह एक्सप्रेस-वे जिन क्षेत्रों से गुजरेगा, वहां आर्थिक विकास और रोजगार को बढ़ावा मिलेगा. समय कम लगने से उद्योग-धंधों को नए आयाम मिलेंगे. व्यापारिक और आवासीय गतिविधियां भी बढ़ेंगी. इससे एनएच-19 पर यातायात का दबाव भी कम होगा.
बिटुमिन, आरसीसी व फ्लाई एश का उपयोग
यह सड़क जरूरत के हिसाब से बिटुमिन (तारकोल-गिट्टी) और आरसीसी (कंक्रीट-सीमेंट) से बनेगी. जमीन से ऊंचे एक्सप्रेस-वे के नीचे स्थित पिलरों और वाल के बीच के गैप भरने के लिए फ्लाई ऐश (थर्मल पावर प्लांट से निकलने वाली राख) का उपयोग होगा.
चार पैकेज में बांटी जाएगी पूरी दूरी
एनएच-19 से वाराणसी से कोलकाता की दूरी अभी लगभग 690 किलोमीटर है. इसी मार्ग से वाहन कोलकाता जाते हैं. एक्सप्रेसवे इसी मार्ग के समानांतर बनेगा. उत्तर प्रदेश में इसकी लम्बाई लगभग 22 किमी, बिहार में 159 किमी, झारखंड में 187 और पश्चिम बंगाल में 242 किमी होगी. एक्सप्रेसवे को चार पैकेज में बांटा गया है. पैकेज-1 में उत्तर प्रदेश, पैकेज-2 में बिहार, पैकेज-3 में झारखंड और पैकेज-4 में पश्चिम बंगाल के क्षेत्र शामिल किए गए हैं.
इन जिलों से गुजरेगा
यह एक्सप्रेसवे बिहार के मोहनिया, रोहतास, सासाराम, औरंगाबाद, गया, झारखंड के चतरा, हजारीबाग, रांची, बोकारो, धनबाद, रामगढ़ और पश्चिम बंगाल के पुरुलिया, बांकुरा, पश्चिम मेदिनीपुर, हुगली और हावड़ा से होकर गुजरेगा.