Varanasi: रक्षा मंत्रालय की जमीनों पर बने भवनों का नक्शा वीडीए से पास कराना होगा

"रक्षा संपदा पर भवनों का पास कराना होगा नक्शा"

Update: 2025-01-25 10:42 GMT

वाराणसी: कैंट स्टेशन और लक्षिपुरा में रक्षा मंत्रालय की जमीनों पर बने भवनों का नक्शा वीडीए से पास कराना होगा. इसके लिए रक्षा संपदा विभाग और नगर निगम से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेना आवश्यक होगा. यह निर्णय मंडलायुक्त कौशल राज शर्मा की अध्यक्षता वाली समिति ने लिया है. वीडीए ने इस सम्बंध में नक्शा पास करने का आदेश जारी किया है.

आदेश के बाद से कैंट स्टेशन के सामने और लक्षिपुरा-नदेसर में स्थित जमीनों पर जहां अवैध निर्माण पर रोक लगेगी. वहीं पूर्व में निर्मित भवनों को वैध कराने के लिए शमन शुल्क जमा कराने का भी रास्ता साफ हो गया है. कैंटोन्मेंट एवं लक्षिपुरा स्थित 160 एकड़ जमीन को रक्षा मंत्रालय ने 1994 में नगर निगम को हस्तांतरित किया था. नगर निगम इन इलाकों में अस्थायी अतिक्रमण पर रोक लगा पाता था, लेकिन भवन निर्माण पर रोक नहीं लगने से अवैध निर्माण की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही थी. यह भूमि ‘इंट्रा म्युनिसिपल नजूल’ श्रेणी में आती है.

गत वर्षों में विकास प्राधिकरण ने कैंट स्टेशन के सामने होटलों औऱ भवनों पर निर्माण पर रोक लगाने के लिए सख्ती की तो होटल संचालक हाईकोर्ट चल गये थे. चूंकि इन जमीनों पर प्रबंधन की जिम्मेदारी तो तय थी, लेकिन नियोजन के अधिकार पर कोई स्पष्टता नहीं थी. इसलिए प्राधिकरण को हाथ पीछे खींचना पड़ा था.

छावनी परिषद के पास जाने तक वीडीए करेगा नियोजन मंडलायुक्त ने विवाद के समाधान के लिए रक्षा मंत्रालय, स्टेट काउंसिल औऱ सम्बंधित विभागों के अधिकारियों की एक समिति बनाई. इसमें अधिवक्ता ने स्पष्ट किया कि भूमि वर्तमान में नगर निगम के प्रबंधन में है. जब तक रक्षा मंत्रालय इसे छावनी परिषद को स्वामित्व या प्रबंधन के लिए अधिसूचित नहीं करता, तब तक यह भूमि नगर निगम के अधिकार क्षेत्र में रहेगी.

समिति ने स्पष्ट किया है कि नगर निगम और वीडीए के पास भूमि पर सभी विधिक कार्रवाई करने का अधिकार है. इसके आधार पर वीडीए उपाध्यक्ष ने 160 एकड़ भूमि के प्रबंधन और अतिक्रमण हटाने के लिए नगर निगम और वीडीए कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है.

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