वाराणसी: बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों को डिजिटलाइज करने के लिए टैबलेट के बाद अब सिमकार्ड भी दिए जा रहे हैं. स्कूलों के शिक्षक इन दिनों अलग सवाल लिए घूम रहे हैं. इलाके में लोगों और अपने जानने वालों से वह पूछ रहे हैं कि यहां कौन सा मोबाइल नेटवर्क बेहतर काम करता है. सभी स्कूलों को सिमकार्ड उपलब्ध कराने से पहले क्षेत्र के बेहतर नेटवर्क के संबंध में सूचना मांगी गई है. उनकी सूचना के आधार पर स्कूल के लिए अलग नंबर या पोर्ट सिम उपलब्ध कराने की तैयारी की जा रही है.
जिले के स्कूलों को पिछले साल से ही टैबलेट बांटे जा रहे हैं. सभी प्राथमिक और कंपोजिट स्कूलों में अब तक 1959 टैबलेट वितरित किए जा चुके हैं. उच्च प्राथमिक स्कूलों में टैबलेट बंटने की प्रक्रिया जारी है. प्रेरणा पोर्टल पर विभिन्न सूचनाएं अपलोड करने का काम पहले प्रधानाचार्य और शिक्षकों को अपने मोबाइल से करना पड़ता था. शिक्षक संगठनों ने विरोध किया तो स्कूलों को टैबलेट देने की तैयारी की गई. मगर इंटरनेट का खर्च और व्यक्तिगत मोबाइल नंबर से विभागीय कार्य कराने का विरोध शिक्षक करते रहे. बेसिक शिक्षा विभाग ने इसके बाद प्रतिमाह 0 रुपये इंटरनेट खर्च और सिमकार्ड देने की भी घोषणा की.
स्कूलों को सीयूजी आधार पर ही सर्विस प्रोवाइडर का नंबर दिया जा रहा है. हालांकि दूरवर्ती स्कूलों और शहर के विभिन्न इलाकों में भी मोबाइल कनेक्टिविटी को ध्यान में रखते हुए स्कूलों से उनकी राय मांगी गई है. किसी क्षेत्र विशेष में बेहतर नेटवर्क के लिए दूसरी टेलीकॉम कंपनी का सिम उपलब्ध कराया जाएगा. बीएसए डॉ. अरविंद कुमार पाठक ने बताया कि स्कूलों में अटेंडेंस, एमडीएम आदि की फीडिंग में दिक्कत न हो इसलिए बेहतर नेटवर्क की तलाश की जा रही है. उन्होंने बताया कि के पहले सप्ताह तक स्कूलों को सिमकार्ड मिल जाएंगे.