Varanasi: बुक पोस्ट और पार्सल के जरिए हो रही बुकिंग, राजस्व का हुआ नुकसान

"डाक से पुस्तकें भेजना हुआ महंगा"

Update: 2025-01-03 05:50 GMT

वाराणसी: सब्सिडी बंद होने से डाक से पुस्तकें भेजना अब महंगा हो गया है. इस कारण वाराणसी के कई प्रकाशकों ने पुस्तकें रोक कर दी हैं. इससे कैंटोंमेंट और विश्वेश्वरगंज स्थित प्रधान डाकघरों में किताबों की बुकिंग में 60 प्रतिशत की गिरावट होने से विभाग को राजस्व का नुकसान हुआ है. पिछले सप्ताह तक काशी से विभिन्न प्रकाशकों की करीब एक हजार पुस्तकें प्रतिदिन दूसरे जनपदों में भेजी जाती थी.

डाक विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि देशभर में यह शिकायत सामने आई है. 50 रुपये प्रति किलोग्राम कीमत बढ़ने से प्रकाशकों ने बुकिंग कम कर दी है. पहले डाक विभाग प्रिंटेड बुक्स कॉलम में पुस्तकों की बुकिंग करता था. लेकिन चार पांच दिनों के दौरान सॉफ्टवेयर में बदलाव होने के बाद से यह कॉलम नहीं दिख रहा है. इसकी जगह बुक पोस्ट और पार्सल का विकल्प है.

प्रकाशकों ने संचार मंत्री को लिखा पत्र प्रकाशकों ने संचार मंत्री को पत्र लिखकर पुराने स्लैब को लागू करने की मांग की है. किताबों पर सब्सिडी मिलने से विद्यार्थियों पर कम बोझ पड़ता था. अब यह बोझ बढ़ेगा. वाराणसी प्रकाशक संघ के अध्यक्ष राकेश जैन ने कहा कि पांच किलोग्राम तक पुस्तकों का पैकेट मंगाने में पहले 80 रुपये डाक व्यय आता था जो अब 200 रुपये के आसपास हो गया है.

शुल्क में एकाएक तीन गुना बढ़ोतरी से न सिर्फ पुस्तक उद्योग, प्रकाशकों, पुस्तक विक्रेताओं बल्कि पाठकों विशेषकर विद्यार्थियों पर सीधा असर पड़ेगा. संघ के महामंत्री रविशंकर सिंह, प्रकाशक अशोक गुप्ता ने कहा कि पुस्तकों को रजिस्टर्ड बुक पैकेट की श्रेणी में रखते हुए एक रुपये प्रति 100 ग्राम की दर से 5000 ग्राम तक डाक व्यय व रजिस्ट्रेशन चार्ज 17 रुपये तथा 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ बुकिंग करता था. जो अब रजिस्टर्ड पार्सल की श्रेणी की दर 19 रुपये 500 ग्राम तक, 16 रुपये अतिरिक्त 500 ग्राम से 20 किलोग्राम तक हो गई है. इसके अलावा रजिस्ट्रेशन चार्ज 17 रुपये तथा 18 प्रतिशत जीएसटी के साथ बुकिंग हो रही है. खर्च बढ़ने से करीब पांच हजार किताबें अभी डंप है.

Tags:    

Similar News

-->