बीते दो दिन से गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ते रहने के कारण वाराणसी में कई प्रमुख घाटों का आपस में संपर्क टूट चुका है। वहीं तटवर्ती इलाकों में रहने वालों की धुकधुकी बढ़ गई है। सिंधिया घाट स्थित रत्नेश्वर महादेव का मंदिर गुरुवार देर शाम को जलमग्न हो गया। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार शुक्रवार सुबह 8 बजे तक गंगा का जलस्तर 61.6 मीटर था।
पुलिस आयुक्त ए सतीश गणेश ने आगामी त्योहारों एवं गंगा के बढ़ते जल स्तर के दृष्टिगत बाढ़ राहत दल को सतर्कता बरतने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कैंप कार्यालय पर पीएसी के कंपनी कमांडर, सहायक सेनानायक तथा 34वीं वाहिनी के सेनानायक के साथ बैठक की। पीएसी के जवानों के व्यवस्थापन संबंधी समस्याओं के निस्तारण के लिए संबंधित को निर्देशित किया।
गंगा आरती और शवदाह स्थलों में हो सकता है बदलाव
बीते 40 घंटों में पानी करीब दो मीटर बढ़ गया है और बढ़ाव जारी है। गंगा के पानी का रंग भी मटमैला हो चुका है। शीतला घाट के आरती स्थल तक गंगा पहुंच चुकी हैं। गंगा आरती का स्थान भी अब बदलकर ऊंचे स्थान पर करने की तैयारी है। जिला प्रशासन ने शाम के बाद नौकाविहार पर प्रतिबंध लगा दिया है।
गंगा का जलस्तर 70.262 मीटर पर चेतावनी और खतरा बिंदु 71.262 मीटर तक है। जबकि शुक्रवार को 61.6 मीटर पर गंगा का जलस्तर दर्ज किया गया है। इस समय 10.00 मिमी पर गंगा का जलस्तर बढ़ाव पर है। अनुमान लगाया जा रहा है कि अगले चौबीस घंटों में काशी में एक मीटर से अधिक जलस्तर बढ़ेगा। गंगा में बढ़ाव को देखते हुए जल पुलिस और एनडीआरएफ को अलर्ट कर दिया गया है।