उत्तर प्रदेश : पैसेंजर ट्रेनें अब भी स्‍पेशल, यात्रियों को देना पड़ रहा दोगुना किराया

इनमें 15 पैसेंजर गोरखपुर से विभिन्न रूटों पर हैं।

Update: 2022-07-19 07:29 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क : कोरोना महामारी के बाद स्पेशल के रूप में चलने वाली एक्सप्रेस ट्रेनें तो डेढ़ साल बाद सामान्य हो गईं लेकिन पैसेंजर ट्रेनें अब भी स्पेशल बनी हुई हैं। पैसेंजर ट्रेनें अभी भी अनारक्षित स्पेशल के रूप में चल रही हैं और यात्रियों को दोगुना किराया देना पड़ रहा है। एक्सप्रेस ट्रेनों को सामान्य करने के बाद भी पैसेंजर ट्रेनें अनारक्षित एक्सप्रेस के रूप में ही चल रही हैं।इससे जहां पहले पैसेंजर ट्रेन से गोरखपुर से गोण्डा का किराया 45 रुपये देना होता था वहीं अनारक्षित स्पेशल ट्रेन के रूप में 90 रुपये देना पड़ रहा है। इन ट्रेनों से भी यात्रा में समय उतना ही लगता है, जितना लॉकडाउन के पहले पैसेंजर ट्रेनों से लगता था। स्थानीय यात्रियों को सुविधा देने के लिए एनई रेलवे में इन दिनों 70 अनारक्षित स्पेशल ट्रेनें चल रही हैं। इनमें 15 पैसेंजर गोरखपुर से विभिन्न रूटों पर हैं।

जनरल कोच का किराया बराबर होने की वजह से पैसेंजर ट्रेनों में यात्रियों की संख्या कम होती जा रही है। यात्री घटते गए तो गोरखपुर-अयोध्या पैसेंजर की तरह और भी पैसेंजर ट्रेनें निरस्त हो सकती हैं। पैसेंजर ट्रेनों की बुकिंग रोजाना 1200 से 1300 के बीच है, जबकि कोविड के पहले सामान्य किराए पर 4 हजार से अधिक टिकट बुक होते थे।
source-hindustan


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