उत्तर-प्रदेश: मौसम विज्ञानी बोले, कुछ जगहों पर बरसेंगे राहत के बादल
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मानसून आया जरूर, लेकिन इसने रास्ता भी बदल दिया। ला-नीना और मई में आए चक्रवात के असर से बारिश का सिस्टम नहीं बन पा रहा है। उधर, तीखी धूप, चढ़ते पारे की मार से राजधानी के लोग बेहाल हैं। उधर, मौसम विज्ञानियों ने राहत की थोड़ी उम्मीद जगाई है। इनका कहना है कि अभी बादल एक साथ ही बरसेंगे। आंचलिक मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक जेपी गुप्ता के अनुसार मानसून मध्य प्रदेश से होकर गुजर रहा है। इस कारण यूपी में बारिश नहीं हो रही है। फिलहाल झमाझम बारिश के कोई संकेत नहीं है। थोड़ी-थोड़ी बारिश कुछ स्थानों पर होती रहेगी।
लविवि के वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक प्रो. ध्रुवसेन सिंह कहते हैं कि बारिश न होने के दो कारण हैं। एक तो ला-नीना फिर से सक्रिय हो गया, जिससे मानसून में परिवर्तन आता है। वहीं, जब अरब सागर के ऊपर से हवा चलती है तो उसकी नमी लेकर बारिश करती है। उधर, बंगाल की खाड़ी से चलने वाली हवा मैदान से नमी लेती है और गंगा के मैदानों में बारिश करवाती है। हालांकि, 29-30 मई के आसपास आए चक्रवात ने खाड़ी की सारी नमी को सोख लिया है।
लखनऊ समेत उत्तर भारत में 'सूखा' बना पहेली
वरिष्ठ भू-वैज्ञानिक डॉ. सीएम नौटियाल कहते हैं कि इस वर्ष सामान्य मानसून अपेक्षित था। दक्षिण भारत में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल व तेलंगाना को छोड़ दें तो वर्षा सामान्य से काफी कम है। जिन इलाकों में बरसात हुई है, वहां अरब सागर से आई नम हवा का प्रवाह जिम्मेदार है। लखनऊ समेत उत्तर भारत में जिस तरह से बारिश का इंतजार बढ़ रहा है, वह किसी पहली से कम नहीं।
दिन भर तीखी धूप, गर्म हवाओं ने किया बेहाल
बुधवार सुबह की शुरुआत बदली के साथ हुई जरूर, लेकिन देखते ही देखते धूप के तेवर ज्यादा ही सख्त होने लगे। दस बजते-बजते धूप में खड़े होना चुभने लगा। दिन का तापमान 38.6 डिग्री रहा, जबकि रात का पारा भी 30 से पार ही बना हुआ है। आने वाले दिनों में भी मौसम विभाग तीखी धूप, गर्मी के आसार जता रहा है।