जनता से रिश्ता : आवास विभाग द्वारा तैयार किए गए आंकड़ों के मुताबिक मार्च 2022 तक प्रदेशभर में 225214 अवैध निर्माण चिह्नित किए गए हैं।
शहरों में नक्शे के विपरीत निर्माण तेजी से बढ़े हैं। आवासीय हो या व्यवसायिक इनके लिए नक्शे तो कुछ पास कराए जाते हैं और निर्माण कुछ और होता है। आवास विभाग ने पिछले दिनों प्रदेशभर के विकास प्राधिकरणों से अवैध निर्माण की जानकारी मांगी तो यह चौंकाने वाली बात सामने आई है। ऐसा नहीं है कि अवैध निर्माण में बड़े शहर ही आगे हैं। छोटे शहरों में भी अवैध निर्माण हो रहे हैं।
पार्किंग व सेट बैक नहीं छोड़ते
आवास विभाग के एक अधिकारी के मुताबिक अवैध निर्माण में सबसे अधिक शिकायतें आवासीय और व्यवसायिक भवनों में पार्किंग के स्थान न छोड़ने की शिकायतें हैं। एकल मकानों में सेट बैक न छोड़ने की भी सर्वाधिक शिकायतें हैं। बिल्डर आवासीय नक्शे पर एक से लेकर दो फ्लोर अतिरिक्त अपार्टमेंट बनाकर बेच रहे हैं। भू-उपयोग से इतर भी निर्माण कराए जा रहे हैं। उदाहरण के लिए आवासीय पर व्यवसायिक निर्माण का प्रचलन तेजी से बढ़ा है।
खासकर पुरानी कालोनियों में मुख्य सड़कों पर स्थित मकान का व्यवसायिक इस्तेमाल हो रहा है।
सोर्स-hindustan