UP: सलाखों के पीछे मुलाकात के लिए तरस रहा था सद्दाम, जेल में ही बंद थे दस गुर्गे

Update: 2023-10-11 06:14 GMT
बरेली सेंट्रल जेल टू में सद्दाम के आने के बाद से भारी उथल-पुथल का माहौल था। सद्दाम और उसके दोस्त आतिन को शहर के अगल-बगल जिलों की जेल में ट्रांसफर करके इसे शांत करने का काम किया गया है। जेल में पहले की तरह गिरोहबंदी पनपने के आसार थे, लेकिन शासन के इस फैसले से यह पूरी तरह खत्म हो गए हैं।
 महंगे होटलों में गुर्गे को दावत देने का शौकीन सद्दाम हाई सिक्योरिटी बैरक में अवसाद जैसी स्थिति के बीच वक्त काट रहा था। इसी जेल में अशरफ के बंद रहने के दौरान सद्दाम ने उसके ऐशोआराम का हर इंतजाम कराया। जेल अधीक्षक से लेकर संतरी तक को अशरफ की ओर से बख्शीश सद्दाम ही देता था।
उमेशपाल हत्याकांड के बाद ये सच बेपर्दा हुआ तो जेल अधीक्षक समेत आठ लोग निलंबित किए गए। बिथरी थाने में मामला दर्ज हुआ जिसमें गुर्गों के साथ ही दो जेलकर्मी भी शामिल थे। जेल के दो आरक्षी शिवहरि अवस्थी, मनोज गौड़ के साथ ही लल्ला गद्दी, फुरकान नबी, सर्फुद्दीन, राशिद अली, आरिफ, फरहद व गुड्डू समेत नौ लोग इसी जेल में बंद थे, आतिन की आमद और होने से इनकी संख्या दस हो गई थी।
सूत्र बताते हैं कि सद्दाम बैरक में असामान्य व्यवहार करने लगा था। खाना देने और निगरानी करने वाले आरक्षियों से वह लगातार यही बात कहता था कि वह कोई शातिर या पेशेवर अपराधी नहीं है जो उसे इस तरह की बैरक में रखा गया है। उसे सामान्य बैरक में नहीं रखा गया तो वह किसी दिन दीवार में सिर मारकर जान दे देगा।
सद्दाम से नजर नहीं मिला पाते थे जेलकर्मी
जेल में हुए खेल के मामले में केवल दो जेल आरक्षियों को ही कार्रवाई के दायरे में लाया गया। बाकी कई जेल आरक्षी व कर्मचारी ऐसे थे जो पुराने दिनों में सद्दाम से इमदाद लेकर उसके कर्मचारी के तौर पर काम करते थे। अब सद्दाम के जेल में आने के बाद से यह काफी असहज थे।
उसे खाना देने या निगरानी को जाते वक्त वह उससे नजर नहीं मिला पाते थे। इनमें से कुछ को सद्दाम के सामान्य बैरक में आने का भी इंतजार था। हालांकि जेल अधीक्षक ने स्पष्ट तौर पर कह रखा था कि संलिप्तता मिलने पर इस बार और बड़ी कार्रवाई हो सकती है। यही माहौल भांपकर सद्दाम को लेकर रिपोर्ट तैयार की गई।
रिश्तेदारों को भी नहीं लगी भनक
सद्दाम के बरेली जेल में बंद होने के बाद से चर्चा हो रही थी कि उसे दूसरी जेल में भेजा जा सकता है। इस बीच जेल प्रशासन ने गोपनीय तरीके से रिपोर्ट भेजकर सद्दाम और आतिन की जेल बदलवा दी। सद्दाम के रिश्तेदारों को भी इस बारे में भनक नहीं लग पाई।
सोमवार को अतीक के बेटों को बाल सुधार गृह प्रयागराज से छोड़ा गया था। माना जा रहा था कि वह अपने मामा से मिलने यहां आ सकते हैं। इससे पहले मंगलवार को सद्दाम की जेल बदल दी गई।
पुलिस के मुताबिक सद्दाम से जरूरी पूछताछ पूरी कर ली गई थी, इसलिए रिमांड नही ली गई। हालांकि प्रयागराज पुलिस सद्दाम की रिमांड ले सकती है। सद्दाम को अशरफ और अतीक की बेनामी संपत्ति के बारे में जानकारी है, इसलिए उससे पूछताछ की जा सकती है।
शासन स्तर से ही अचानक सद्दाम और आतिन की जेल बदलने को लेकर निर्णय लिया गया। बरेली से बदायूं और रामपुर जिले ज्यादा दूर भी नहीं हैं। तारीख या किसी अन्य पूछताछ के लिए लाने में देर नहीं होगी।
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