यूपी पुलिस लौटाएगी अमिताभ ठाकुर का जब्त मोबाइल, एमपी-एमएलए कोर्ट का आदेश
पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के समय ज़ब्त फोन एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने लौटाने का आदेश दिया है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। पूर्व आईपीएस अधिकारी अमिताभ ठाकुर की गिरफ़्तारी के समय ज़ब्त फोन एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने लौटाने का आदेश दिया है। अदालत ने अमिताभ ठाकुर को बीस हज़ार रुपये का निजी मुचलका दाखिल करने पर मोबाइल देने का आदेश देते हुए कहा कि कोर्ट के मांगे जाने पर आरोपी मोबाइल को कोर्ट में पेश करेगा। अदालत ने इंस्पेक्टर हजरतगंज को अमिताभ की पहचान कर उनका मोबाइल देने का आदेश दिया है।
अदालत के समक्ष मोबाइल को अवमुक्त करने की मांग वाली अर्ज़ी देकर बताया गया की 27 अगस्त 2021 को उन्हें जब गिरफ़्तार किया गया था तब पुलिस ने उसका मोबाइल ज़ब्त कर लिया था। कहा गया कि मोबाइल नहीं मिलने के कारण आरोपी और उसके परिवार को कई प्रकार से कठिनाई हो रही है और पुलिस महत्वपूर्ण ऑडियो-विडियो डाटा डिलीट कर सकती है। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि यह मोबाइल जामा तलाशी में दर्शाया गया है और माल मुकदमाती नहीं है। मोबाइल एक इलेक्ट्रॉनिक वस्तु है जिसके थाने में रहने से उसके खराब होने की संभावना है। साथ ही अभियोजन ने भी मोबाइल सुपुर्द करने पर आपत्ति नहीं दिखाई है।
सांसद अतुल राय की अर्जी पर सुनवाई नौ मई को
दुराचार पीड़िता और गवाह द्वारा आत्महत्या के मामले में घोसी से बसपा सांसद अतुल राय की ज़मानत अर्ज़ी पर सुनवाई के लिए एमपी/एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने नौ मई की तारी़ख तय की है। विशेष अधिवक्ता रमेश शुक्ला ने कोर्ट को बताया कि पुलिस की आख्या आ चुकी है। अधिवक्ता ने सुनवाई के लिए समय की मांग को अदालत ने स्वीकार कर कोर्ट ने अगली तारी़ख तक सुनवाई स्थगित कर दी है। घटना के अनुसार एसआईटी जांच की रिपोर्ट आने के बाद 27 अगस्त 2021 को हजरतगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
सपा विधायक रविदास के खिलाफ केस की सुनवाई 18 को
सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा के खिलाफ बलवा, जानलेवा हमला के वर्षों पुराने दो अलग-अलग मामलों में सालों से गैरहाजिर पुलिस के गवाहों की जानकारी कर कोर्ट में पेश करने का आदेश एमपीएमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश हरबंस नारायण ने दिया है। कोर्ट ने सुनवाई के लिए 18 मई की तारीख तय की है। अभियोजन ने कोर्ट को बताया कि दोनों मामलों में कोर्ट ने छह पुलिसकर्मियों के गवाही के लिए हाजिर न होने पर गिरफ्तारी वारंट जारी किया था। उनमें दो पुलिसकर्मियों के आखिरी तैनाती स्थल के विषय में पता चल गया है, इसपर कोर्ट ने सुनवाई के लिए अगली तारीख तय करते हुए कहा कि दोनों गवाहों के विषय मे पता करके कोर्ट में पेश किया जाए।