Up News: संपत्ति बेचने के बाद एक वृद्ध को परिजनों द्वारा अंतिम संस्कार तक नहीं मिला। संपत्ति बेचने के बाद वारिस न होने पर वह रुदायन कस्बे के एक मंदिर में रह रहा था। कस्बे में टहलते समय उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। संपत्ति बिकने से नाराज परिजनों ने अंतिम संस्कार करने से इनकार कर दिया। ग्राम प्रधान ने कस्बे के लोगों के साथ मिलकर शव का अंतिम संस्कार कराया। एक समाजसेवी ने अंतिम संस्कार कराया। थाना उघैती क्षेत्र के गांव करियामई निवासी हरिओम पाठक (60) गांव में अकेले रहते थे। आर्थिक तंगी के चलते वह कुछ दिनों से इस्लामनगर क्षेत्र के रुदायन कस्बे के ज्वाला देवी मंदिर में रह रहे थे।
शनिवार शाम वह कस्बे में टहलने निकले थे। रास्ते में अचानक उनकी तबीयत खराब हो गई। वह सड़क पर गिर पड़े। मौके पर राहगीरों की भीड़ लग गई। लोग उन्हें पास के निजी अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। लोगों ने गांव में उनके परिजनों को सूचना दी। परिजन नहीं आए। ग्रामीणों ने बताया कि हरिओम पाठक ने कई साल पहले अपनी पुश्तैनी संपत्ति बेची थी। दो साल पहले उन्होंने अपना मकान पड़ोसी को बेच दिया था। जिससे उनके परिजन नाराज थे और शव को गांव ले जाकर अंतिम संस्कार करने को तैयार नहीं थे।