उत्तरप्रदेश: बदलते समय के साथ साड़ियों की मांग में काफी बदलाव दिखें है. अपने घरों में बनारसी साड़ी की बजाय अब सिल्क और शिफॉन की साड़ी पसंद की जा रही है, क्योंकि ये साड़ी संभालने में हल्की होने के साथ-साथ आकर्षक भी होती है गाजियाबाद के घंटाघर स्थित सबसे पुरानी साड़ी की दुकान सुरभि साड़ी (हैबतपुर वाले) के मालिक राजेश अग्रवाल से इस बदलते समय के बारे में बात की. राजेश ने बताया कि लेडीज क्लोथिंग में ट्रेंड तेजी से बदल रहा है. कई वर्ष पहले बनारसी सिल्क साड़ी के साथ कलकत्ता की साड़ी भी चल रही थी, लेकिन अब सिल्क और शिफॉन प्रमुख हैं
बनारसी साड़ी की जगह अब सिल्क और शिफॉन ने ले ली है, क्योंकि आर्टिफिशल साड़ियों की मांग बढ़ी है. युवा महिलाएं हैंडलूम कॉटन, प्योर शिफॉन, आर्गेन्जा सिल्क और बनारसी सिल्क की तरफ रुझान कर रही हैं. इनमें से प्रत्येक का अपना महत्वपूर्ण युग है, और ये त्रेंड सालों के साथ आया है.बनारसी साड़ी को अब ज्यादा लोग नहीं खरीद रहे हैं. जिसकी पीछे की वजह यह भी है कि पहले जो बनारसी साड़ी आती थी, अब वो नहीं आती है. बल्कि अब उसकी जगह आर्टिफिशल साड़ी आती है.
उन्होंने कहा कि बनारसी साड़ी का क्रेज कम हो रहा है. इसकी जगह अब युवा महिलाएं हैंडलूम कॉटन, प्योर शिफॉन, आर्गेन्जा सिल्क, और बनारसी सिल्क की ओर बढ़ रही हैं. जिनकी कीमत सिर्फ 1,500 रुपये से शुरू होती है.
हैंडलूम कॉटन: इन साड़ियों में अगर हैंडलूम कॉटन की बात की जाए, तो ये ज्यादातर शिक्षक, अधिकारी महिलाएं खरीदती हैं. इन साड़ियों की सिम्पलिसिटी ही इनकी सुंदरता होती है. इनमें लाइट कलर्स को सबसे ज्यादा पसंद किया जाता है. इस साड़ी की कीमत 2,000 रुपये से शुरू होती है.
प्योर शिफॉन: इस साड़ी की मांग युवा महिलाओं में ज्यादा है. कॉलेज के फंक्शन हो या फिर ऑफिस में कोई पार्टी, सबसे पहले नंबर इन साड़ियों की खरीदारी का ही आता है. इन साड़ियों में डार्क रंग ज्यादा पसंद किए जाते हैं, और उनमें नेट और एंब्रायडरी काफी प्रचलित है. ये साड़ी काफी लाइटवेट होती है. इस साड़ी की कीमत 1,500 से 2,000 रुपये के बीच होती है.
आर्गेन्जा सिल्क: आर्गेन्जा फैब्रिक के साथ आने वाली इस साड़ी पर हाथ से कढ़ाई की जाती है. इस साड़ी को विभिन्न कांट्रेस्ट में खरीदा जाता है. ये साड़ी ज्यादातर ऑफिस जाने वाली महिलाएं खरीदती हैं. इस साड़ी की कीमत 1,500 से 2,000 रुपये तक होती है.