दो साल में सैलरी और pension पर घट जाएगा UP सरकार का खर्च

Update: 2024-08-10 02:15 GMT
उत्‍तर प्रदेश  Uttar Pradesh : अर्थव्यवस्था को तेजी से आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटी यूपी सरकार दो साल बाद यानी 2027-28 में जो बजट पेश करेगी उसका आकार 10 लाख करोड़ रुपये से अधिक होगा। बजट की खास बात यह होगी कि सरकार की वेतन, पेंशन, ब्याज और अन्य राजस्व खर्चों की देनदारी करीब दो फीसदी कम हो जाएगी। जिससे सरकार ठोस विकास कार्यों पर अधिक धनराशि खर्च कर सकेगी। 2027-28 में सरकार विकास कार्यों (पूंजीगत व्यय) में करीब 70 हजार करोड़ अधिक खर्च करेगी। विकास कार्यों पर सीधे
2.23 लाख करोड़
रुपये खर्च किए जाने का पूर्वानुमान किया गया है। वित्त विभाग ने उत्तर प्रदेश राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंध अधिनियम-2004 के तहत बजट पूर्वानुमान पर यह रिपोर्ट तैयार की है।
बोझ हल्का होगा 2027-28 तक प्रदेश सरकार के खर्चे की स्थिति में कई स्तरों पर सुधार का अनुमान किया गया है। जैसे यूपी के कुल बजट का 60.3 फीसदी चालू वित्तीय वर्ष में कर्मचारियों के वेतन, पेंशन, कर्जों पर ब्याज की अदायगी और राजस्व व्यय जैसे अन्य मदों में खर्च होने का अनुमान है। 2027-28 में इन मदों में सरकार के बजट का कुल 58.4 फीसदी धनराशि ही खर्च होगी। इस बचत का उपयोग सरकार विकास कार्यों में करेगी। 2027-28 में राज्य सरकार अपने कुल बजट में से 2.23 लाख करोड़ रुपये सीधे विकास के मद में खर्च करेगी, चालू वित्तीय वर्ष में विकास कार्यों पर खर्च (पूंजीगत व्यय) 1.54 लाख करोड़ रुपये ही है। अगले साल सरकार का बजट 8.10 लाख करोड़ होगा रिपोर्ट के मुताबिक अगले वित्तीय वर्ष 2025-26 में प्रदेश सरकार का बजट आकार करीब 8.10 लाख करोड़ रुपये इसके अगले वर्ष 2026-27 का बजट आकार करीब 9 लाख करोड़ रुपये का होने का पूर्वानुमान है। 2027-28 में प्रदेश सरकार जब बजट पेश करेगी, उसका आकार 10 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक होगा। बजट 1009467.07 करोड़ रुपये का होने का पूर्वानुमान है।
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