'शहीद दिवस' पर 17 से 19 दिसंबर तक काकोरी के नायकों की 94वीं पुण्यतिथि कार्यक्रम आयोजित करेगी यूपी सरकार
यूपी में 17 से 19 दिसंबर तक काकोरी नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाएगा.
यूपी में 17 से 19 दिसंबर तक काकोरी नायकों को श्रद्धांजलि देने के लिए शहीद दिवस (Shaheed Diwas) मनाया जाएगा. यूपी सरकार काकोरी ट्रेन कार्रवाई में हिस्सा लेने वाले स्वातंत्रता सेनानियों की 94वीं पुण्यतिथि मनाने जा रही है. इस दौरान कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. अधिकारियों ने बताया कि इस मौके पर काकोरी (Kakori Heros) में शहीद स्मारक पर कार्यक्रम का आयोजन किया जाएगा. बता दें कि 19 दिसंबर 1927 को सभी स्वतंत्रता सैनानियों को फांसी पर लटका दिया गया था. अब उनकी याद में यूपी सरकार शहीद दिवस आयोजित करने जा रही है.
अधिकारियों ने कहा कि काकोरी शहीद दिवस की 94वीं वर्षगांठ को चिह्नित करने के लिए एक कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है. शहीद दिवस को काकोरी के नायकों को श्रद्धांजलि (Pay Tribute to Kakori Heros) देने के लिए मनाया जाता है. जिला मजिस्ट्रेट अभिषेक प्रकाश ने कार्यक्रम की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की. इस बैठक को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम 17 दिसंबर से 19 दिसंबर तक मनाया जाएगा. इस दौरान सांस्कृतिक और देशभक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे.'शहीद दिवस' पर कार्यक्रम का आयोजन
जिला मजिस्ट्रेट ने बताया कि शहीद दिवस पर हम निबंध और पेंटिंग प्रतियोगिताओं का भी आयोजन किया जाएगा. इसमें कई स्कूलों और कॉलेजों के छात्र भाग लेंगे. कार्यक्रम के पहले दिन राज्यपाल काकोरी के उन पांच नायकों को पुष्पांजलि अर्पित करेंगी, जिन्होंने काकोरी ट्रेन कांड को अंजाम देते हुए देश के लिए सर्वोच्च बलिदान दिया. देश के लिए बलिदान देने वालों में राजेंद्र लाहिड़ी, राम प्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह, चंद्रशेखर आजाद और अशफाक उल्लाह खान प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी थे. शहीद दिवस के मौके पर मुशायरा, कवि सम्मेलन और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जाएगा. डीएम ने एलएमसी और अन्य विभागों को इसे लेकर व्यवस्था करने का भी निर्देश दिया है.
ब्रिटिश सरकार ने स्वतंत्रता सेनानियों को दी थी फांसी
बता दें कि 9 अगस्त 1925 को हिंदुस्तान रिपब्लिकन एसोसिएशन के कुछ सदस्यों ने काकोरी रेलवे स्टेशन के पास लखनऊ-सहारनपुर मार्ग पर चलती ट्रेन पर हमला कर ट्रेन से सरकारी खजाने को लूट लिया था. स्वतंत्रता आंदोलन की गतिविधियों के लिए इस धन को लूटा गया था. इस घटना में 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया था. बाद में ब्रिटिश सरकार ने उन्हें मौत की सजा सुनाई थी. इस काम में मदद करने वालों को भी कड़ी सजा दी गई थी.