यूपी : सरयू के कहर से घरों पर मंडराया नदी में बह जाने का खतरा

Update: 2023-08-29 09:26 GMT
उत्तरप्रदेश: बस्ती जिले में सरयू नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे पहुंचने से कटान का खतरा बढ़ गया है. जिले में सरयू नदी की लंबाई 83 किलो मीटर है . कई जगहों पर जहां नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर है वहीं कई जगहों पर बाढ़ का खतरा कम हो रहा है. लेकिन जहां भी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे है वहां कटान का खतरा बढ़ गया है . कुदरहा ब्लॉक क्षेत्र अंतर्गत बैडारी एहतमाली, मदरहवा, मईपुर सहित आधा दर्जन गावों में नदी का पानी तेजी से घट रहा है. जिससे कटान भी तेजी से बढ़ रहा है.
कटान के समय इतनी तेज आवाज होती है की ग्रामीणों का सो पाना भी कठिन हो जाता है. साथ ही ग्रामीणों में हर वक्त भय भी बना रहता है की कब उनका घर कटान के साथ नदी में बह जाए.इसलिए सीमावर्ती क्षेत्रों के निवासी अपने अपने कीमती सामानों को घरों से निकाल कर बांध पर ले जा रहे हैं ताकि मकान बहने के साथ उनका सामान सुरक्षित रह सकें. साथ ही किसानों के सैकड़ों एकड़ फसल भी बर्बाद हो गई है. पशुओं का चारा भी यहां के लोगों के लिए एक बहुत बड़ी समस्या बन गई है. बाढ़ का पानी घटने के साथ ही अब को जल जनित बीमारियों का भय भी काफी तेजी से सताने लगा है. जिस गति से पानी उतरेगा, उसी तेजी से संक्रमिक बीमारियों के मामले भी बढ़ने की आशंका है.
बाढ़ पीड़ित आनन्द कुमार ने बताया कि हम लोग का घर कटान में बहने वाला है. घर से नदी मात्र 50 मीटर दूर ही रह गई है. कब कोई बड़ी घटना हो जाए कह पाना मुश्किल है. हम लोग हमेशा भय में जी रहे हैं. प्रशासन द्वारा बाढ़ पीड़ितों की मदद की बात तो की जाती है लेकिन ये सब सिर्फ कागजों तक ही सीमित होकर रह गया है. हमारी मांग है की हम लोगों को घर, चिकित्सीय सुविधा, पशुओं के लिए चारा, नाव आदि की व्यवस्था की जाए.स्थानीय ग्रामीण सहदेव प्रजापति ने बताया कि हम लोगों का खेत पहले ही कट चुका है और अब घर भी नदी के कटान में बहने वाला है. अगर घर बच जाता तो हम लोग फिर से मेहनत मजूरी करके अपना जीवन यापन कर लेते लेकिन अब ऐसा लगता है की घर भी बचने वाला नहीं है.
वहीं जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन ने बताया कि बाढ़ खंड विभाग को निर्देशित कर सभी बाढ़ पीड़ितों के लिए सुरक्षात्मक कार्य करवाया जा रहा है. साथ ही जो पीड़ित भूमिहीन हो चूके हैं उनके लिए ज़मीन चिन्हित कर उनको पट्टे दिए जा रहे हैं. साथ ही बाढ़ पीड़ितों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए मेडिकल टीम को भी लगाया गया है.
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