गाजियाबाद न्यूज़: जिले के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को बिना आधार कार्ड के ड्रेस, जूते, मोजे, बैग और स्टेशनरी की धनराशि नहीं मिल पाएगी. छात्रों और अभिभावकों के पास आधार कार्ड नहीं होने पर उन्हें सरकारी योजनाओं से वंचित रहना पड़ेगा.
जिले में 446 प्राथमिक, उच्च प्राथमिक तथा कंपोजिट विद्यालय हैं. इन स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों को शासन की तरफ से स्कूल यूनिफॉर्म, स्टेशनरी समेत कई सुविधाओं के लिए धनराशि का भुगतान किया जाता है. जिसका पैसा सीधे आधार कार्ड से लिंक खातों में भेजा जाता है, लेकिन हर साल हजारों की संख्या में छात्रों को यह राशि नहीं मिल पाती जिसका खामियाजा दूसरे छात्रों को भी भुगतना पड़ता है, क्योंकि बिना आधार वाले छात्रों की वजह से अन्य छात्रों को भी समय रहते यूनिफॉर्म की राशि नहीं मिल पाती है. साथ ही शिक्षा विभाग को भी फजीहत झेलनी पड़ती है.
अब बिना आधार वाले छात्रों का शिक्षा विभाग के पोर्टल पर नाम नहीं चढ़ाया जाएगा. बीएसए विनोद कुमार मिश्रा ने बताया कि किसी भी बच्चे को शिक्षा के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता, इसलिए नए सत्र में सभी बच्चों के दाखिले तो किए जाएंगे, लेकिन यू-डायस पोर्टल पर केवल उन्हीं का पंजीकरण किया जाएगा जिनके पास आधार होगा. जिनके पास आधार नहीं है, उनका एक अलग रिकॉर्ड रखा जाएगा. आधार बनवाने के बाद जब पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन होगा तभी डीबीटी के जरिए यूनिफॉर्म तथा अन्य सुविधाओं का फायदा उन्हें मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि अभिभावक इंडिया पोस्ट या ब्लॉक पर लगी मशीनों पर आधार बनवा सकते हैं.
पिछले साल आठ हजार छात्रों को नहीं मिली
सत्र 2021-22 के करीब आठ हजार छात्र-छात्राओं को यूनिफॉर्म की धनराशि नहीं मिल सकी है. डीबीटी का कार्यभार संभाल रहीं रुचि ने बाताया कि यह वह छात्र हैं जिनके आधार कार्ड नहीं हैं या खाते सीड नहीं हैं. उन्होंने बताया कि इन छात्रों के आधार बनवाये जा रहे हैं, ताकि इस बार उन्हें भी डीबीटी का लाभ मिल सके.
बिना आधार किसी भी छात्र को यूनिफॉर्म, बैग समेत किसी भी सरकारी सुविधा का लाभ नहीं मिल पाएगा. आधार बनने के बाद ही छात्रों का पंजीकरण यू-डायस पोर्टल पर होगा, तभी उन्हें डीबीटी का लाभ मिलेगा. - विनोद कुमार मिश्रा, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी