यूआईपी के विशेषज्ञों ने कोविड के इलाज के लिए बनाई टैबलेट, मिला पेटेंट

भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने इसे मान्यता दी

Update: 2024-04-17 08:32 GMT

इलाहाबाद: यूनाइटेड इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी (यूआईपी) के विशेषज्ञों ने कोविड-19 संक्रमण के इलाज के लिए टैबलेट बनाई है. दावा है कि दिन में केवल एक ही टैबलेट खानी होगी. भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने इसे मान्यता दी है.

चार सदस्यीय रिसर्च टीम में शामिल यूआईपी के डॉ. शांति भूषण मिश्रा का दावा है कि इस नवीन और प्रभावी फॉर्मूलेशन के आविष्कार से अब कोविड-19 संक्रमण से पीड़ित लोगों को इलाज के लिए बड़ी मात्रा में गोलियां लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी. दिन में केवल एक ही टैबलेट लेने की आवश्यकता होगी. आविष्कार करने वाली टीम में डॉ. अनिल कुमार सिंह, डॉ. श्रद्धांजलि सिंह और डॉ. अमित कुमार सिंह शामिल रहे. डॉ. मिश्रा ने कहा कि वर्तमान समय में यह टैबलेट 200 मिलीग्राम की खुराक में उपलब्ध है. यह दवा फेविपिराविर की संरचना है जो गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ट्रैक्ट के संपर्क में आने पर कम से कम लगभग 24 घंटे में अपना असर दिखाती है. उन्होंने बताया कि भारत सरकार के पेटेंट कार्यालय ने आविष्कार के लिए यूआईपी को पेटेंट संख्या 518260 के साथ मान्यता दी है. पेटेंट के लिए वर्ष 2021 में अप्लाई किया गया था जो मार्च 2024 में प्रदान किया गया. यूआईपी के प्रिंसिपल डॉ. आलोक मुखर्जी, यूनाइटेड ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंन के प्रेसिडेंट डॉ. जगदीश गुलाटी, वाइस चेयरमैन सतपाल गुलाटी, वाइस प्रेसिडेंट गौरव गुलाटी ने इस उपलब्धि पर वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं दीं.

इविवि परास्नातक की प्रवेश प्रक्रिया जल्द: इलाहाबाद विश्वविद्यालय एवं संघटक महाविद्यालयों में सत्र 2024-25 के लिए परास्नातक (पीजी) प्रवेश की प्रक्रिया की कवायद तेज हो गई है. इविवि प्रशासन ने एजेंसी चयन के लिए टेंडर जारी कर दिया है. एजेंसी का चयन होते ही आवेदन की प्रक्रिया शुरू करा दी जाएगी. दस तक एजेंसी चयन के लिए ट्रेंडर खुलने की उम्मीद है. इसके बाद नोटिफिकेशन जारी कर के तीसरे सप्ताह से आवेदन लिए जाने की तैयारी है. प्रवेश प्रकोष्ठ के निदेशक प्रो. जेके पति ने बताया कि एंजेसी के लिए आवेदन मांगे हैं. जल्द ही प्रक्रिया पूरी होने के बाद आवेदन लिए जाएंगे.

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