नायफल गांव में आग में जलकर दो मवेशियों की हुई मौत
आग बुझाने के चक्कर में युवती झुलस गई.
गाजियाबाद: वेव सिटी थानाक्षेत्र के नायफल गांव में मंदिर की धूपबत्ती से झुग्गी में आग लग गई. देखते ही देखते आग ने भीषण रूप ले लिया. आग की चपेट में आकर दो मवेशियों की मौत हो गई, जबकि आग बुझाने के चक्कर में युवती झुलस गई.
एसीपी वेव सिटी पूनम मिश्रा ने बताया कि मूलरूप से थाना उघैती, जिला बदायूं के गांव खंडुआ निवासी छोटे लाल वेव सिटी थानाक्षेत्र के नायफल गांव में राजकरण का खेत किराए पर लेकर खेतीबाड़ी करते हैं. छोटेलाल खेत में ही झुग्गी बनाकर परिवार के साथ रहते हैं. सुबह करीब दस बजे छोटे लाल और परिवार के अन्य सदस्य खेत में थे, जबकि 18 वर्षीय बेटी मंजू झुग्गी में अकेली थी. उसने झुग्गी में बने पूजाघर में धूपबत्ती जलाई थी. एसीपी का कहना है कि धूपबत्ती से झुग्गी में आग लग गई. देखते ही देखते आग ने भीषण रूप ले लिया. आग की चपेट में आकर झुग्गी में बंधी भैंस और उसके बच्चे की मौत हो गई. एसीपी का कहना है कि मंजू ने आग बुझाने की कोशिश की तो वह भी लपटों में घिरकर झुलस गई. आग की लपटें तथा धुआं उठता देख ग्रामीण मौके पर दौड़ पड़े, लेकिन तब तक झुग्गी जलकर पूरी तरह राख हो चुकी थी. ग्रामीणों ने मिट्टी तथा पानी डालकर आग को पूरी तरह बुझा दिया.
किशोरी की मौत के मामले में परिजनों के बयान दर्ज: एमएमजी अस्पताल में किशोरी की मौत के मामले में परिजनों ने जांच कमेटी के सामने बयान दर्ज करवाए. कमेटी में डॉ. पंकज शर्मा, डॉ. एके दीक्षित और अस्पताल की मैटर्न शामिल रही.
एमएमजी अस्पताल में वर्षीय छाया की सुबह मौत हो गई थी. छाया की मां मधु और परिजनों ने उसके उपचार में लापरवाही बरतने और स्टाफ पर गलत व्यवहार का आरोप लगाया था. मामले की जांच के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया गया. कमेटी के सामने मधु और अन्य परिजनों ने अपने बयान दर्ज करवाए.