भूजल दोहन करने वाले दो बिल्डरों पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगा

बिल्डर और कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भूगर्भ जल विभाग को जानकारी नहीं दी

Update: 2024-04-22 05:17 GMT

नोएडा: भूजल दोहन करने पर दो बिल्डर और एक कंस्ट्रक्शन कंपनी पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. नोटिस जारी करने के बाद भी बिल्डर और कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भूगर्भ जल विभाग को जानकारी नहीं दी. इसके बाद जुर्माने की कार्रवाई की गई है.

भूगर्भ जल अधिकारी अंकिता राय ने बताया कि यमुना प्राधिकरण क्षेत्र के सेक्टर-22 में ऐस ग्रुप का वाईएक्सपी प्रोजेक्ट का निर्माण कार्य चल रहा है. प्रोजेक्ट पर बड़े स्तर पर भूजल दोहन हो रहा था. बिल्डर को बोरवेल बंद कर रिपोर्ट देने का आदेश दिया गया, लेकिन बिल्डर ने ऐसा नहीं किया. इस पर ऐस ग्रुप पर पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. वहीं, नोएडा के सेक्टर-7 स्थित मदरसन बिल्डर के प्रोजेक्ट पर भी पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है. सेक्टर-4 5डी रियल प्रीकास्ट पर भी पांच लाख का जुर्माना लगाया है. यहां भी बिना अनुमति भूजल दोहन हो रहा था.

गौरव भाटिया मानहानि मामले में आदेश सुरक्षित

दिल्ली उच्च न्यायालय ने भाजपा नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता द्वारा दायर एक अंतरिम याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया. याचिका में संबंधित वीडियो, प्रकाशनों और पोस्टों को हटाने की मांग की गई है.

याचिका में आरोप लगाया गया था कि गौतमबुद्ध की अदालत में वकीलों ने उनसे अभद्रता की. पिले हफ्ते उच्च न्यायालय ने कई यूट्यूब चैनलों व एक्स हैंडल के खिलाफ मुख्य मानहानि मुकदमे में नोटिस जारी किया था. न्यायमूर्ति नीना बंसल कृष्णा की खंडपीठ ने दलीलों को विस्तार से सुनने के बाद ऐसे वीडियो और प्रकाशनों को तत्काल हटाने की मांग वाली अंतरिम याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया है. मुकदमे के माध्यम से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया ने अपने पक्ष में और प्रतिवादियों के खिलाफ स्थायी निषेधाज्ञा की मांग की है, जिससे वादी के खिलाफ किसी भी मानहानिकारक आरोप का प्रकाशन बंद हो सके.

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