यमुनापार में ट्रैक पार कर रहे दो भाइयों की ट्रेन से कटकर मौत

मध्य प्रदेश से आकर करछना के पचदेवरा में करते थे मजदूरी

Update: 2024-03-11 05:13 GMT

बरेली: यमुनापार में करछना थानांतर्गत पचदेवरा के निकट रात रेलवे ट्रैक पार कर रहे दो सगे भाई मांजू भूरिया (38) व रामसू भूरिया (26) ट्रेन की चपेट में आने से कट गए. दोनों मध्य प्रदेश के झाबुआ जिले के नागनखेड़ी गांव निवासी थे.

करछना के पचदेवरा में रेलवे लाइन बिछाने का काम चल रहा था. ठेकेदार मान सिंह के अधीन मध्य प्रदेश कई लोग इसमें मजदूरी करते हैं. यहीं पर झोपड़ी बनाकर परिवार सहित रहते भी हैं. मांजू भूरिया और रामसू भूरिया भी काम बंद होने के बाद बाजार से घरेलू सामान लेने गए थे. बाजार से लौटते समय रात लगभग साढ़े नौ बजे रेलवे ट्रैक पार करते समय अपलाइन पर आ रही ट्रेन की चपेट में आ गए. चीख पुकार सुनकर आसपास के लोग भागकर पहुंचे. सूचना पर करछना पुलिस पहुंची. खबर पाकर मृतकों के परिवार के लोग और अन्य साथी भी आ गए. पटरी पर उनका खून से लथपथ शव बिखरा पड़ा देख लोगों की रुह कांप गई. दोनों की मौत से उनकी पत्नी और बच्चों की आंखों से आंसू थम नहीं रहे.

मध्य प्रदेश के झाबुआ निवासी मांजू भूरिया और रामसू भूरिया रोजगार की तलाश में कई माह पहले पचदेवरा आए थे. यहां एक ठेकेदार ने रेलवे लाइन बिछाने में मजदूरी का काम दिया था. काम मिलने के बाद उनके परिवार के लोग खुश थे लेकिन हादसे में सगे भाइयों की मौत की खबर गांव पहुंची तो कोहराम मच गया.

मृतक मांजू भूरिया और रामसू भूरिया के परिजन, रिश्तेदारों के साथ सुबह पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे. एक साथ दो शव देखकर बिलख पड़े. परिजनों ने कहा था कि कई माह पहले यहां काम मिलने के बाद दोनों भाई आए थे. वे काफी खुश थे. परिवार भी ले आए थे कि यहीं रहकर मजदूरी करेंगे और परिवार का गुजर बसर ठीक से होगा.

वे यहां आरओबी के पास झोपड़ी बनाकर रहते थे. मांजू की पत्नी आदी और रामसू की पत्नी रामचू की आंखों से आंसू थम नहीं रहे. वे बार-बार यही कह रही थीं कि अब उनका गुजर-बसर कैसे होगा. मांजू की दो बेटियां और एक बेटा है, जबकि रामसू के एक सात माह की बच्ची है. पोस्टमार्टम के बाद परिजन दोनों शव लेकर झाबुआ स्थित गांव के लिए रवाना हो गए.

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