Kushinagar राजापाकड़/कुशीनगर: तमकुही विकास खंड के ग्राम पंचायत बरवाराजापाकड़ के टोला सपही बरवा में हनुमान भजन मंडल के तत्वावधान में आयोजित सप्त दिवसीय आठवें राधा अष्टमी समारोह के प्रथम दिन कथावाचक आचार्य पं. विनय पांडेय ने कहा कि जब मनुष्य सभी आशाएं, विषय-संताप आदि त्यागकर अपने सभी कर्म भगवान को अर्पित कर देता है, तो वह सभी कर्मों से मुक्त होकर मोक्ष का अधिकारी बन जाता है। श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण जीव के पापकर्म नष्ट कर देता है।
कथावाचक ने भक्ति द्वारा वैराग्य व गोकर्ण-धुंधकारी की कथा का रसपान कराते हुए कहा कि मनुष्य के जीवन मे जल, हवा, अथवा भोजन की अति आवश्यकता होती है। उसी तरह सरल जीवन जीने के लिए भगवत भजन जरूरी होता है। सही मायने में श्रीमद् भागवत कथा मोक्ष का सर्वोत्तम साधन है। कहा कि श्रीमद् भागवत ग्रंथ परम रसज्ञ सुकदेव जी के मुख से उद्धृत हुआ। यह ग्रंथ जन्म व मृत्यु के भय को नाश कर देता है। नारद भक्ति संवाद प्रसंग में कथावाचक ने बताया कि वास्तविक भक्ति वही है जिससे ज्ञान व वैराग्य जागृत होता है। संगीतमयी कथा में पं. पंकज त्रिपाठी ने आर्गन संतोष श्रीवास्तव ने तबला व छोटेलाल शर्मा पैड पर संगत की। पं. दीपक मिश्र व पं. संजय चतुर्वेदी ने परायण पाठ किया। इसके पूर्व कथा का शुभारंभ नथुनी प्रसाद गोंड व उनकी पत्नी ने व्यास पीठ का पूजन कर किया। नंदकिशोर गुप्ता, पं अच्युतानंद शास्त्री, ध्रुव गुप्ता, राघवजी, विद्या, अखिलेश खरवार, मुन्ना लाल गुप्ता, गोविन्द, पिंटू, अमरेश, नवीन पांडेय, श्वेता, रिंकी, उमा, रंभा, शांति, शुभि, वेदिका, अनुराग, रविन्द्र शर्मा आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।