तपती गर्मी से परेशान लोगो ने बारिश के लिए कराई मेंढक-मेंढकी की शादी, आज यूपी को बारिश की आस
तपते यूपी को आज बारिश की आस है। मौसम विभाग ने 20 से 23 जुलाई के बीच उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है लेकिन इस बार ऐसी भविष्यवाणियां बार-बार गलत साबित हो रही हैं।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। तपते यूपी को आज बारिश की आस है। मौसम विभाग ने 20 से 23 जुलाई के बीच उत्तर प्रदेश (UP Rain) के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश (Heavy Rain in UP) की भविष्यवाणी की है लेकिन इस बार ऐसी भविष्यवाणियां बार-बार गलत साबित हो रही हैं। गर्मी से परेशान लोगों ने गोरखपुर में विश्व हिंदू महासंघ के बैनर तले मेंढक-मेंढकी की शादी करा दी तो अमरोहा में दो साधु बारिश के लिए आग के बीच बैठकर तपस्या करने लगे। उधर, विशेषज्ञों का कहना है कि जुलाई के अंतिम दस दिन फसलों का मुकद्दर तय करेंगे।
वैसे भी खरीफ की 80 फीसदी फसलों को नुकसान हो चुका है और आगे भी यही स्थिति रही तो शत-प्रतिशत नुकसान की संभावना सच साबित हो सकती है। मौसम विभाग की मानें तो हालात ठीक नहीं हैं। मानसून पूर्वी उत्तर प्रदेश को लगातार धोखा दे रहा है। विशेषकर पूर्वी उत्तर प्रदेश में 71 फीसदी कम बारिश हुई है। आसमान पर घुमड़ते बादल पल-पल आस बंधा रहे हैं लेकिन कुछ ही पल बाद खिलती तेज धूप भविष्य के खतरों से आगाह कर देती है। कानपुर ही नहीं, पूरे यूपी विशेषकर पूर्वी यूपी का हाल काफी खराब है। यूपी में अभी से सूखे के संकेत मिल गए हैं। प्री मानसून (मार्च से मई) बारिश वर्ष 2022 में मात्र 02.0 मिमी हुई है। ऐसा नौ वर्षों के बाद हुआ है। वर्ष 2013 में मात्र 1.9 मिमी प्री मानसून वर्षा हुई थी।
हर दिन दांव दे जाता है मानसून
एक पखवाड़े से लगातार हवा या तो उत्तर पूर्वी चल रही है या दक्षिण पूर्वी। हवा मानसून के लिए अनुकूल है। इसके बावजूद जब मानसून की टर्फ रेखा उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ने लगती है तो विपरीत हवा के झोंके इसे या तो नीचे धकेल देते हैं या कमजोर कर देते हैं। यूपी के चारों ओर खूब बारिश है लेकिन इस क्षेत्र में बादलों तक का सूखा पड़ा है। थोड़ी बहुत बारिश पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हुई है। रोज पूर्वानुमानों में बारिश की संभावना जताई जाती है लेकिन सुबह होते ही पलट जाती है।
जुलाई में भी बारिश दे रही दगा
जुलाई में 2002 में 25.6 और 2015 में 79.9 मिमी बारिश हुई थी। जुलाई 2022 में मात्र 2.0 मिमी बारिश अब तक हुई है। पिछले 22 वर्षों में जून से सितंबर तक सबसे कम बारिश 351.6 मिमी हुई थी। यह ट्रेंड 2022 में रिपीट होता दिख रहा है। इसके बाद वर्ष 2016 के इन महीनों में मात्र 583.4, 2017 में 617.9 मिमी हुई। वर्ष 2018 में 958.5, 2019 में 885.5, 2020 में 959.8 और 2021 में 822.7 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। इसके विपरीत 2022 ने डरा दिया है। 2015 का ट्रेंड रिपीट होने या इससे भी खराब होने की संभावनाएं जताई जा रही हैं। वर्ष 2008 में सर्वाधिक 1159.4 मिमी वर्षा हुई थी।
अगले दस दिन महत्वपूर्ण
मौसम विभाग का मानना है कि अगले दस दिन बारिश के लिए महत्वपूर्ण हैं। इन दस दिवसों में चार दिवसों में हल्की बारिश की संभावना दिख रही है। यदि मध्य भारत की टर्फ लाइन ऊपर आती है और टिकी रहती है तो स्थिति में सुधार हो सकता है। सूखे की स्थिति से उबरना संभव हो सकेगा। यदि इन दस दिवसों में 150-250 मिमी तक बारिश नहीं हुई तो फसलों के लिए संकट पैदा हो सकता है।
आज-कल बारिश की संभावना
सीएसए के मौसम विज्ञानी डॉ. एसएन सुनील पांडेय का कहना है कि मानसून की टर्फ रेखा बीकानेर, कोटा, मध्य प्रदेश के ऊपर बनी हुई है। इसी से बुधवार और गुरुवार को बारिश की उम्मीद है।
सीजन का सबसे गर्म दिन, पारा 41.8 डिग्री रहा
बरसात के मौसम में बुधवार को कानपुर सबसे गर्म रहा। एयरफोर्स वेदर स्टेशन में अधिकतम तापमान 41.8 डिग्री रिकॉर्ड किया गया जो जुलाई का सर्वाधिक पारा है। न्यूनतम तापमान भी 30.8 डिग्री रहा। सीएसए ने मंगलवार को अधिकतम तापमान 38.6 और न्यूनतम 28.6 डिग्री रहा।
गोरखपुर में कराई मेंढ़क-मेंढकी की शादी
बारिश न होने से अवाम परेशान है। तरह-तरह के टोटके किए जा रहे हैं ताकि बारिश हो जाए। ऐसा ही टोटका मंगलवार को विश्व हिंदू महासंघ ने भी कराया। कालीबाड़ी मंदिर पर मेढक और मेंढकी की शादी कराई गई। विधि विधान के साथ कलश स्थापना, फूलों की वर्षा, तिलक-चंदन लगा कर पूजन-अर्चन कर रस्में पूरी कराई गईं।
विश्व हिंदू महासंघ के जिला प्रभारी राधाकांत वर्मा, शिवजी वर्मा, ध्रुव श्रीवास्तव, रेखा वर्मा, गीता वर्मा, शक्ति वर्मा, परी, सुस्मिता, उर्मिला यादव, नीतू सिंह, अनीता विश्वकर्मा, सरोज पांडेय, सृष्टि त्रिपाठी समेत काफी संख्या में लोग उपस्थित थे।
अमरोहा में बारिश के लिए आग के बीच बैठ गए साधु
सावन के महीने में भी बारिश नहीं हो रही है। सूखे जैसे हालात बने हैं। बरसात के लिए तरह-तरह के टोटके भी अब किए जाने लगे हैं। गंगेश्वरी ब्लाक क्षेत्र में दो साधुओं ने बरसात के लिए आग के बीच बैठकर तपस्या शुरू की है। संकल्प लिया है कि जब तक घनघोर बारिश नहीं होगी, तब तक तपस्या जारी रखेंगे।
गंगेश्वरी ब्लाक क्षेत्र के गांव जीवपुर निवासी रिंकू पुजारी भीषण गर्मी में बारिश से निजात दिलाने के लिए खुद के चारों तरफ आग जलाकर तप कर रहे हैं। भीषण गर्मी में आग के बीच तपस्या करते साधु को देखने के लिए आसपास के क्षेत्र के लोग भी उमड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने संकल्प लिया है कि जब तक घनघोर बारिश नहीं होगी, तब तक इसी तरह आग के बीच हवन में आहुति देते हुए भगवान से प्रार्थना करते रहेंगे। उधर, खाजेपुर में भी एक साधु इसी तरह खुद के चारों ओर आग जलाकर बीच में बैठते हुए बारिश की आस में तपस्या कर रहे है। यहां भी बड़ी संख्या में लोग जुट रहे हैं। उधर, सावन के महीने में भी सूखे के हालात से जूझ रहे आम लोग भी अब ईश्वर से बारिश के लिए प्रार्थना कर रहे हैं।
मौसम विभाग की भविष्यवाणी
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने मंगलवार को 20 से 23 जुलाई के बीच उत्तर प्रदेश (UP Rain) के कई हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश (Heavy Rain in UP) की भविष्यवाणी की है। मौसम विभाग ने बुधवार सुबह से गोंडा, बलरामपुर, श्रावस्ती, मथुरा, आगरा, बिजनौर, मुरादाबाद, रामपुर और आसपास के इलाकों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है।