वेस्ट टू एनर्जी प्लांट योजना को सफल बनाने नगर निगम को फिर से लेनी होगी सुप्रीम कोर्ट की शरण
जनता से रिश्ता वेबडेस्क : आगरा कुबेरपुर लैंडफिल साइट के 11 एकड़ जमीन पर प्रस्तावित वेस्ट टू एनर्जी प्लांट क्षमता बढ़ाने के योजना को सफल बनाने के लिए नगर निगम को फिर से सुप्रीम कोर्ट की शरण लेनी होगी। दरअसल यहां सुप्रीम कोर्ट ने यहां 10 मेगावॉट का प्लांट लगाने की अनुमति दी थी लेकिन अब कंपनी क्षमता वृद्धि कर करीब 35 मेगावॉट बिजली और बायो सीएनजी बनाने की योजना पर काम कर रही है।नगर आयुक्त निखिल टी फुंडे ने बताया कि स्पाक ब्रेसन ने प्रजेंटेशन में यह जानकारी दी है कि कूड़े से बिजली बनाने की तकनीक में बदलाव किया गया है। नई अत्याधुनिक मशीनरी से प्रदूषण के बिना ही बिजली का उत्पादन हो सकेगा। गीले कचरे से बायोगैस भी बनाई जाएगी। इस पर निवेश और बिजली उत्पादन की क्षमता में बढ़ोतरी की गई है।
स्पाक ब्रेसन कंपनी द्वारा कचरे से बिजली बनाने के प्लांट पर 550 मीट्रिक टन कूड़े से 10 मेगावाट बिजली बनाने की योजना थी, पर अब इसकी क्षमता बढ़ाकर 35 मेगावाट तक की जा रही है। प्लांट को भविष्य की जरूरत के मुताबिक डिजाइन किया जा रहा है। स्पाक ब्रेसन ने नगर निगम को नए प्लांट की मशीनरी और डिजाइन का प्रजेंटेशन दिया। इसमें जो ऊर्जा निकलेगी, वह री-साइकिल होती रहेगी। कुछ भी इस प्लांट में बेकार नहीं जाएगा। प्लांट के ऊपर जो शेड होगा, उस पर सोलर पैनल बनाकर बिजली का उत्पादन किया जाएगा। इसके लिए काम शुरू कर दिया है। नगर नगम ने नई योनजा पर काम तो शुरू कर दिया है लेकिन बिना सुप्रीम कोर्ट की अनुमति के इसे अमलीजामा नहीं पहनाया जा सकता है। नगर आयुक्त का कहना है कि इस संबंध में विधिक राय ली जा रही है। सुप्रीम कोर्ट से क्षमता वृद्धि के लिए अनुमति की प्रक्रिया पर भी काम किया जाएगा।
source-hindustan