धोखाधड़ी के जरिए खातों से धन निकालने वाले पूर्व डाक सहायक को तीन साल की जेल

फैसला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लखनऊ जोन कार्यालय की ओर से दायर मुकदमे में सुनाया गया

Update: 2024-04-25 05:30 GMT

इलाहाबाद: विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार-निरोधक) सीबीआई गाजियाबाद प्रेमेंद्र कुमार ने पद का दुरुपयोग कर धोखाधड़ी के जरिए खातों से धन निकालने वाले पूर्व डाक सहायक श्याम बाबू को तीन साल की जेल और 10 हजार रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई है. यह फैसला प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के लखनऊ जोन कार्यालय की ओर से दायर मुकदमे में सुनाया गया है.

ईडी ने सीबीआई द्वारा दो एफआईआर के आधार पर पीएमएलए 02 के प्रावधानों के तहत केस दर्ज इस मामले में जांच शुरू की थी. आरोपी श्याम बाबू को विशेष न्यायालय (भ्रष्टाचार निरोधक-सीबीआई) गाजियाबाद ने 30 मार्च 24 को भी दोषी ठहराया था. तत्कालीन डाक सहायक श्याम बाबू ने 24 मार्च 08 से सात 08 के दौरान अपने पद का दुरुपयोग करके 32,98,966 रुपये का गबन किया था. उसने किसान विकास पत्र व राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र की धनराशि को फर्जी व्यक्तियों के नाम पर डाकघर और एचडीएफसी बैंक अलीगढ़ में खोले गए खातों के माध्यम से निकाल लिया था.

इससे पहले ईडी ने आरोपी डाक सहायक की 9.32 लाख रुपये की अचल संपत्ति को जब्त किया था, जिसे बाद में निर्णय प्राधिकारी नई दिल्ली ने 28 नवंबर 19 को अपने फैसले में सही ठहराया था. ईडी ने पीएमएलए 02 की धारा के तहत एक अभियोजन शिकायत विशेष न्यायालय (पीएमएलए) लखनऊ के समक्ष 26 नवंबर को दायर की गई थी, जो बाद में विशेष न्यायालय भ्रष्टाचार-निरोधक सीबीआई गाजियाबाद में स्थानांतरित कर दी गई थी. कोर्ट ने आरोपी डाक सहायक को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध का दोषी ठहराया. न्यायालय ने अलीगढ़ की शिवलोक कॉलोनी में स्थित आरोपी के मकान को भी जब्त कर लिया. साथ ही तीन साल की जेल तथा 10 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई.

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