ये जनरथ है जनाब, बस में भी छाता लगाते हैं, बसों की छत से टपक रहा पानी, सिलोकॉन बेअसर
उत्तरप्रदेश | रोडवेज अफसरों के लाख कोशिश के बाद भी बसों के छत से बारिश का पानी टपकने का सिलसिला बदस्तूर जारी हैं. ताजा मामला चारबाग की एसी जनरथ बस यूपी 32 एमएन 9346 टू बाई टू सीटिंग क्षमता की है.
बीती रात कैसरबाग से देहरादून जा रही बस हरिद्वार पहुंचने पर भारी बारिश शुरू हो गई. तड़के बस हरिद्वार पहुंचने के दौरान अधिकांश यात्री सो रहे थे. इस बीच बारिश का पानी बस के केबिन से लेकर यात्रियों के सीट के ऊपर से छत से टपकने लगा. सफर के दौरान बस में सो रहे करीब 12 से 15 यात्री बारिश का पानी छत से टपकते देख भौंचके रह गए. हिन्दुस्तान वायरल वीडियो की पुष्टि नहीं करता है.
बसों की पूरी सीट बारिश के पानी से भीग गई. देखते-देखते पूरी बस में फर्श पानी-पानी हो गया. पानी केबिन के रास्ते दरवाजे के बाहर गिरता रहा. इस बीच महिला यात्री ने छाता निकालकर बचने की कोशिश की. कोई कंबल के सहारे तो कोई सिर पर पगड़ी बांधकर पानी से बचता दिखा. हंगामा कर रहे नाराज यात्रियों को बस कंडक्टर ने समझा बुझाकर शांत कराया. सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो के बाद मुख्यालय के अफसरों ने अपनी प्रतिक्रिया नहीं दी. लिहाजा यात्री बस में हंगामा करते रहे.
बसों की छत से टपक रहा पानी, सिलोकॉन बेअसर
चारबाग डिपो की एसी जनरथ बस का हाल बेहाल है. बस नंबर यूपी 32 एमएन 9346 से 9350 तक के बस छतों से पानी टपकने की शिकायत बस कंडक्टरों ने की है. बावजूद बसों के छत से पानी टपकना रूक नहीं रहा है. वहीं बस के छत पर सिलोकॉन की मात्रा कम होने से बारिश के पानी से सिलोकॉन उखड़ने लगा. इससे बस के छत के छेद खुल गए.
पिछले माह बारिश के दौरान बसों के छत की मरम्मत कराई गई थी. चारबाग डिपो की जनरथ बस के छत से पानी टपकने की जानकारी नहीं है. बस लौटने पर मरम्मत कराकर रूट पर भेजा जाएगा.
विनोद कुमार, सेवा प्रबंधक, परिवहन निगम, लखनऊ क्षेत्र