लखनऊ के इन कर्मचारियों को सैलरी-पेंशन की जगह मिला बुरी सूचना का एसएमएस, CEO ने बताई फंड की कमी

लखनऊ में छावनी परिषद के कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा झटका लगा है।

Update: 2022-08-03 01:51 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। लखनऊ में छावनी परिषद के कर्मचारियों और पेंशनरों को बड़ा झटका लगा है। इस महीने खाते में सैलरी या पेंशन की जगह उनके मोबाइल पर एक एसएमएस आया जिसमें लिखा है कि उनकी सैलरी या पेंशन इस महीने जारी नहीं होगी। इसके पीछे फंड की कमी को वजह बताया गया है। इस एसएमस के बाद कर्मचारियों के परिवार चिंता में हैं। उनका कहना है कि महंगाई के चलते पहले ही घर के खर्चों को मेंटेन करना मुश्किल हो रहा है। अब यदि सैलरी या पेंशन नहीं मिली तो गुजारा कैसे होगा।

सीईओ विलास एच पवार की ओर से आए इस एसएमएस को पढ़ने के बाद कर्मचारियों और सेवानिवृत कर्मचारियों के परिवारों में दु:ख और चिंता का माहौल है। छावनी परिषद में 450 सेवारत कर्मचारी हैं जिनको हर माह वेतन जारी होता है। इसके अलावा 350 पेंशनधारक भी हैं। छावनी परिषद हर माह 2.8 करोड़ रुपए वेतन और पेंशन के लिए जारी करता है। फिलवक्त परिषद तंगी से जूझ रहा है।
सीईओ के एसएमएस में भी यह बात स्पष्ट रूप से कही गई है। परिषद की आमदनी कम है और खर्च काफी अधिक। इसके पहले वर्ष 2015 में भी ऐसा ही एसएमएस मिलने के बाद कर्मचारियों और पेंशनधारकों को खर्च चलाना मुश्किल हो गया था। हालत यह है कि ठेकेदारों को बकाया भुगतान न होने से विकास के कार्य ठप पड़े हैं। प्राप्त होने वाले अनुदान, कंजरवेंसी, सर्विस चार्ज से मिल रही धनराशि भी खर्च के लिए कम पड़ रही है।
जनता से वसूल की जाने वाली कमाई कर्मचारियों के वेतन, वाहनों के ईंधन, टेलीफोन-मोबाइल बिल, बिजली और स्ट्रीट लाइट के लिए नाकाफी साबित हो रही है। कुछ दिन पूर्व ही छावनी परिषद ने तहबाजारी शुल्क व्यवस्था भी खत्म कर दी थी।
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