कैप्सूल के नमूने फेल होने से मचा हड़कंप

Update: 2023-05-27 06:25 GMT

गाजियाबाद न्यूज़: पेट के हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाने वाले कैप्सूल के सैंपल जांच में फेल हो गए हैं. प्रोबायोटिक नामक कैप्सूल के जिले में 50,000 कैप्सूल भेजे गए थे. इनमें से ज्यादातर कैप्सूल को अस्पतालों के साथ सीएससी, पीएचसी से बांट दिया गया है. दवा वितरण के बाद सैंपल फेल होने की रिपोर्ट स्वास्थ्य विभाग को मिली है.

उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाइज कारपोरेशन लिमिटेड ने गाजियाबाद जिले में 50,000 कैप्सूल प्रोबायोटिक के भेजे थे. इस कैप्सूल का निर्माण यूनिक बायोटेक लिमिटेड हैदराबाद ने किया है. इन कैप्सूल का उपयोग पेट में हेल्दी बैक्टीरिया को बढ़ाने में दिया जाता है. यह कैप्सूल जनवरी माह से अधिक समय से गाजियाबाद के सभी अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बांटा जा रहा है. इसमें से ज्यादातर कैप्सूल मरीजों को वितरित किए जा चुके हैं.

मार्च महीने में भरे गए थे सैंपल

केंद्रीय औषधि सुरक्षा विभाग ने 7 मार्च को संजय नगर स्थित संयुक्त अस्पताल से प्रोबायोटिक कैप्सूल के सैंपल लिए थे. इसकी जांच केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (उत्तरीय खंड) की प्रयोगशाला में कराई गई. इसमें बैच संख्या डीटीसी/ सी/003 के कैप्सूल का सैंपल फेल पाया गया है. अस्पताल के चीफ फार्मासिस्ट सतीश कुमार ने बताया कि जांच रिपोर्ट में कैप्सूल में स्ट्रेप्टोकोकस बेसिलस रसायन शून्य पाया गया है. इस रसायन की कमी से कैप्सूल लेने वाले मरीज को बीमारी में लाभ नहीं होता है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में छह कैप्सूल को वापस ड्रग वेयरहाउस भेज दिया गया है और सैंपल फेल होने की सूचना मुख्य चिकित्सा अधिकारी और वेयर हाउस को दे दी गई है.

सॉफ्टवेयर के चलते सीटी स्कैन शुरू नहीं हो रहा

एमएमजी अस्पताल का सीटी स्कैन सेंटर उद्घाटन के चौथे दिन भी शुरू नहीं हो पाया . मशीन में बिलिंग सॉफ्टवेयर ना डाले जाने से जांच का कार्य रूका पड़ा है. उम्मीद की जा रही है कि अगले दो दिनों में मशीन में सॉफ्टवेयर अपडेट हो जाएगा और जांच शुरू हो जाएगी. सीएमएस डॉ मनोज चतुर्वेदी का कहना है कि सॉफ्टवेयर अपडेशन की वजह से सीटी स्कैन की जांच का कार्य शुरू नहीं हो पाया है. केंद्र को संचालित कर रही कंपनी से बात हुई थी. उन्होंने दो दिनों में जांच का कार्य शुरू करने का आश्वासन दिया है.

सैंपल फेल होने पर सभी स्वास्थ्य केंद्रों और अस्पतालों को दवा का वितरण रोकने के निर्देश दिए गए हैं. साथ ही रिपोर्ट से शासन उत्तर प्रदेश मेडिकल सप्लाईज कॉरपोरेशन को भी अवगत करा दिया गया है. - डॉक्टर भवतोष शंखधर, सीएमओ, गाजियाबाद

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