बेलगाम दौड़ रहे ई-रिक्शा को व्यवस्थित करने की कोई योजना नहीं

Update: 2023-09-25 09:05 GMT
उत्तरप्रदेश |  जिले में बेलगाम दौड़ रहे ई-रिक्शा को व्यवस्थित करने की कोई योजना नहीं है. वहीं, जाम और हादसे की वजह बन रहे ई-रिक्शा की संख्या तेजी से बढ़ रही है. परिवहन विभाग के अनुसार, परमिट की व्यवस्था न होने के कारण इनका रूट निर्धारित करना संभव नहीं है. नया नियम लागू होने से पहले इनकी संख्या को भी काबू नहीं किया जा सकता.
नोएडा और ग्रेटर नोएडा की सड़कों पर बेलगाम दौड़ते ई-रिक्शा देखे जा सकते हैं. सवारी के लिए अचानक ई रिक्शा रोक देना, कहीं भी मोड़ देना, जगह-जगह पर इनका जमावड़ा और एक-दूसरे से रेस समेत अन्य मनमानी के कारण हादसे हो रहे हैं. ई-रिक्शा के चलते मेट्रो स्टेशनों के बाहर, प्रमुख चौराहे और मार्गों पर जाम भी लग रहा है. परिवहन विभाग के मुताबिक जिले में करीब 14 हजार ई-रिक्शा पंजीकृत हैं. बीते साल यह संख्या दस हजार से कम थी.
एक अनुमान के मुताबिक, लगभग तीन से चार हजार ई-रिक्शा अवैध रूप से भी दौड़ रहे हैं. एआरटीओ प्रशासन डॉ. सियाराम वर्मा ने कहा कि ई-रिक्शा के लिए पंजीकरण अनिवार्य है. बिना पंजीकरण दौड़ रहे ई-रिक्शा अवैध हैं. परिवहन विभाग की प्रवर्तन टीम जांच अभियान के दौरान इनको जब्त करती है. उन्होंने कहा कि ई -रिक्शा की उम्र अधिकतम पांच से छह साल होती है. इसके बाद यह चलने योग्य नहीं रहते हैं. उन्होंने कहा कि जो अवैध ई- रिक्शा चोरी छिपे चल रहे हैं, वे जल्द ही खत्म हो जाएंगे. अवैध ई-रिक्शा बिक्री केंद्रों को पूरी तरह से बंद करवा दिया गया है. अब सिर्फ वैध केंद्रों पर ही ई-रिक्शा की बिक्री होती है. उन्होंने कहा कि ई-रिक्शा के लिए परमिट की व्यवस्था नहीं है. इस कारण इनके रूट तय नहीं किए जा सकते हैं. जिस स्थान पर ई-रिक्शा समस्या का कारण बनते हैं, वहां पर जिला प्रशासन इनके चलने पर पाबंदी लगा सकता है. उन्होंने कहा कि नए ई रिक्शा पंजीकरण को लेकर कोई रोक नहीं है. इस कारण इनकी संख्या तेजी से बढ़ती जा रही है.
नाबालिग भी चला रहे
शहर में विभिन्न स्थानों पर नाबालिग भी ई-रिक्शा दौड़ाते देखे जा सकते हैं. इसके अलावा कई लोगों के पास ड्राइविंग लाइसेंस तक नहीं है. एआरटीओ प्रवर्तन डॉ. उदित नारायण पांडे ने बताया कि बिना ड्राइविंग लाइसेंस चालक ई-रिक्शा दौड़ाते मिलने पर वाहन को जब्त किए जा रहे हैं.
ई रिक्शा लांच के दौरान काफी प्रचलित हुए थे. बैट्री से चलने के कारण इनकी वजह से प्रदूषण नहीं होता है. इनकी गति सीमा भी निर्धारित होती है. हालांकि धीरे-धीरे इनकी संख्या बढ़ती चली गई और यह राहत की जगह यह दिक्कत बनते चले जा रहे हैं.
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