इलाहाबाद न्यूज़: बारिश के दौरान शहर के अधिकतर हिस्सों में जलभराव का सबसे बड़ा कारण नाले हैं. नगर निगम सीमा का हिस्सा बने झलवा में नाले नहीं, तालाबों की वजह से जलभराव होता है. शहर में तालाबों के क्षेत्र के तौर पर मशहूर झलवा के कई गांवों में तालाब हैं. बारिश के बाद तालाब लबालब होते हैं तो पानी सड़कों पर आ जाता है.
पिछले साल बारिश से झलवा गांव के तालाब में पानी भरने से अफरातफरी मच गई थी. गांव का मुख्य मार्ग से आवागमन बंद हो गया. लोगों ने नगर निगम से मदद की गुहार लगाई. मुख्य मार्ग पर भरे बारिश का पानी निकालने के लिए नगर निगम को पंप लगाना पड़ा. दो दिन पंप से तालाब का पानी बाहर फेंका गया तो सड़क चलने लायक हुई. एक-दो गांवों की सड़कों पर आज भी पानी भरा है. झलवा के अलावा कोटवा, पीपल गांव, गढ़वा में भी तालाब की वजह से जलभराव होता है. कुछ साल पहले तक तालाबों का ओवरफ्लो पानी निकल जाता था. अब फ्रेट कॉरिडोर का निर्माण होने के बाद जल निकासी बंद हो गई. एयरपोर्ट के पास कटुहला का पानी भी फ्रेट कॉरिडोर के कारण रुक जाता है.
झलवा शहर का नया हिस्सा हैं. इस वार्ड में कई गांव हैं. गांवों से पानी निकासी की स्थाई व्यवस्था नहीं है. सदन की पहली बैठक में महापौर से क्षेत्र के विकास और जल निकासी की व्यवस्था की मांग की जाएगी.-प्रीति गुप्ता, पार्षद झलवा
कभी मीरापट्टी में कई दिन तक पानी भरा रहता था. अब जलभराव नहीं होता. हरवारा, ट्रांसपोर्टनगर जैसे इलाकों में अधिक समय तक पानी नहीं भरता. कोशिश हो रही है कि क्षेत्र में जलभराव न हो.
- दीपक कुशवाहा, पार्षद हरवारा
जलभराव के कारण
● झलवा क्षेत्र में न नाले न सीवर लाइन.
● ओवरफ्लो होने के बाद तालाबों का पानी निकालने का इंतजाम नहीं.
● क्षेत्र में कालोनियां बनीं पर सीवर लाइन का अभाव.
● बम्हरौली गांव में कच्चे नाले.
● ट्रांसपोर्टनगर और आसपास की कॉलोनियों की नालियां भी मिट्टी से पटीं.