किन्नरों के पहचान पत्र बनाने का कार्य हुआ शुरू, मिलेगा सरकारी योजनाओं का लाभ

Update: 2022-08-09 08:04 GMT

साभार: धीरेंद्र शुक्ला

सिटी स्पेशल न्यूज़: यूपी में थर्ड जेंडर यानि किन्नरों को मुख्यधारा में लाने के लिए अब उनके पहचान पत्र बनाए जाएंगे। किन्नरों के पहचान पत्र बनाने का कार्य संगम नगरी प्रयागराज में शुरू कर दिया गया है। डीएम की ओर से यह पहचान पत्र निर्गत किए जाएंगे। अब तक प्रयागराज में 3 किन्नरों को पहचान पत्र निर्गत किए गए हैं। इस पहचान पत्र के बन जाने के बाद किन्नरों के तमाम सरकारी योजनाओं का सीधे तौर पर लाभ मिलेगा। इस बात की जानकारी किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंदगिरी टीना मां ने दी है।

बैठक में लिया गया फैसला: प्रयागराज सर्किट हाउस में किन्नर कल्याण बोर्ड की बैठक के बादउन्होंने कहा है कि उनकी बैठक में शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, स्वास्थ्य विभाग समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। जिसमें उन्हें जरूरी निर्देश दिये गये हैं। किन्नर समाज में जागरूकता लाने के लिए शिक्षा को बढ़ावा देना जरूरी है। इसके लिए किन्नरों को शिक्षित करना जरूरी है। उन्होंने कहा है कि किन्नर बच्चों को निशुल्क शिक्षा मुहैया करायी जाएगी। इसके साथ ही हर अस्पताल में किन्नरों के लिए 5 बेड का अलग वार्ड भी बनाया जाएगा।

प्रपत्र बनने की शुरुआत हो चुकी है: इसकी शुरुआत प्रयागराज के मोती लाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज के एसआरएन अस्पताल से हो चुकी है। किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंदगिरी टीना मां के मुताबिक थानों में भी किन्नरों की समस्याओं को सुनने के लिए एक अलग सेल बनाया जाएगा। इसके साथ ही सार्वजनिक स्थानों पर बनने वाले पब्लिक टायलेट में पुरुष और महिला के साथ ही थर्ड जेंडर के लिए भी अलग टायलेट की व्यवस्था की जाएगी। उन्होंने कहा है कि पूरे प्रदेश में किन्नरों की गणना होगी और इसका पूरा विवरण तैयार करके राज्य सरकार के पास भेजा जाएगा ताकि किन्नरों के वेलफेयर के लिए योजनाएं लाई जा सके और उनका सही ढंग से क्रियान्वयन भी कराया जा सके। प्रदेश की योगी सरकार ने किन्नर समाज की समस्याओं को देखते हुए प्रदेश में किन्नर कल्याण बोर्ड का गठन किया है।

हर जिले में बनेंगे प्रपत्र किन्नरों के: जिसके तहत हर जिले में किन्नर कल्याण बोर्ड के सदस्य जाकर बैठकें कर रहे हैं। इन बैठकों में विभिन्न विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहते हैं। जिससे किन्नरों की समस्याओं को लेकर विभागीय अधिकारियों को कार्रवाई के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए जाते हैं। यूपी किन्नर कल्याण बोर्ड की सदस्य कौशल्या नंद गिरी टीना मां अब तक यूपी के दो दर्जन से ज्यादा जिलों में बैठक भी कर चुकी हैं।

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