आगर: मेट्रो प्रयॉरिटी कॉरिडोर के एलिवेटिड भाग में तेज गति के साथ ट्रैक बिछाने का काम किया जा रहा है। यूपी मेट्रो ने ऐलिवेटिड भाग में ताज ईस्ट गेट से फतेहाबाद रोड मेट्रो स्टेशन के बीच में अबतक अप-डाउन ट्रैक को मिलाकर 3 किमी से अधिक ट्रैक बिछाने का काम पूरा कर लिया गया है।
यूपी मेट्रो द्वारा मेन लाइन पर हेड हार्डेंड रेल का प्रयोग करते हुए बैलास्टलैस ट्रैक बिछाया जा रहा है। वहीं, डिपो परिसर में बैलास्टिड ट्रैक बिछाने का काम पहले ही पूरा किया जा चुका है। रेलवे की तुलना में मेट्रो प्रणाली में पटरियों पर गाड़ियों का आवागमन अधिक होता है, यहां मेट्रो रेल औसतन पांच मिनट के अंतर पर चलती हैं।
ऐसे में तेजी से ट्रेन की स्पीड पकड़ने और ब्रेक लगाने की स्थिति में ट्रेन के पहिए और पटरी के बीच अधिक घर्षण होता है। जिसके कारण सामान्य रेल जल्दी घिस सकती है जिससे पटरी टूटने, क्रेक आदि समस्या आ सकती है, लेकिन हेड हार्डेंड रेल के अधिक मजबूत होने के कारण ऐसी कोई समस्या नहीं आती है।
वायाडक्ट में ट्रैक बिछाने के लिए सबसे पहले क्रेन की मदद से ऑटोमेटिक ट्रैक वेल्डिंग मशीन को वायाडक्ट में पहुंचाया जाता है। इसके बाद पटरी के भागों को वेल्डिंग के जरिए जोड़कर लॉन्ग वेल्डिड रेल बनाई जाती है। इसके बाद वायाडक्ट में प्लिंथ बीम की कास्टिंग कर उस पर लॉन्ग वेल्डिड रेल बिछाई जाती है। लॉन्ग वेल्डिड रेल के प्रयोग से ट्रैक पर ट्रेन के चलने से होने वाले ध्वनि प्रदूषण में कमी आती है। वहीं, बैलास्टिड ट्रैक के लिए समतल भूमि पर गिट्टी एवं कॉन्क्रीट के स्लीपरों पर पटरी बिछाई जाती हैं। आगरा मेट्रो प्रायॉरिटी कॉरिडोर के ऐलिवेटिड भाग में ट्रेन के ट्रैक बदलने के लिए ताज ईस्ट गेट और फतेहाबाद रोड मेट्रो स्टेशन पर क्रॉस ओवर बनाए गए हैं। यात्री सेवाओं के दौरान मेट्रो ट्रेनें इन क्रॉस ओवर के जरिए ट्रैक बदलेंगी। प्रथम कॉरिडोर में ताज ईस्ट गेट पहला मेट्रो स्टेशन हैं।
ऐसे में जब सिकंदरा से ताज ईस्ट गेट आने वाली ट्रैन क्रॉसओवर का प्रयोग करके दोबारा सिकंदरा जाने के लिए निर्धारित प्लेटफॉर्म पर जाएगी। वहीं, फतेहाबाद रोड स्टेशन पर स्थित क्रॉसओवर का प्रयोग डिपो लाइन एवं मेन लाइन के बीच आवागमन के लिए किया जाएगा।
ताजनगरी में 29.4 किमी लंबे दो कॉरिडोर का मेट्रो नेटवर्क बनना है, जिसमें 27 स्टेशन होंगे। ताज ईस्ट गेट से सिकंदरा के बीच 14 किमी लंबे पहले कॉरिडोर का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इस कॉरिडोर में 13 स्टेशनों का निर्माण होगा। जिसमें 6 एलीवेटिड जबकि 7 भूमिगत स्टेशन होंगे।
इस कॉरिडोर के लिए पीएसी परिसर में डिपो का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही आगरा कैंट से कालिंदी विहार के बीच लगभग 16 कि.मी. लंबे दूसरे कॉरिडोर का निर्माण किया जाएगा, जिसमें 14 ऐलीवेटेड स्टेशन होंगे।