Gaziabad के पुराने बस अड्डे को संवारने का काम जल्द शुरू होगा
गाजियाबाद बस अड्डे से रोजाना 80 बसों दूसरे राज्यों और जिलों को जाती हैं
गाजियाबाद: गाजियाबाद के पुराने बस अड्डे को संवारने का काम से शुरू हो जाएगा. 62 करोड़ की लागत से पीपीपी मॉडल के तहत बस अड्डे को अत्याधुनिक बनाया जाएगा. इस कार्य को वर्ष में पूरा कर लिया जाएगा. गाजियाबाद बस अड्डे से रोजाना 80 बसों दूसरे राज्यों और जिलों को जाती हैं. काम शुरू होने पर इन्हें साहिबाबाद बस अड्डा से परिचालित किया जाएगा.
गाजियाबाद का पुराना बस अड्डा जिले का सबसे पुराना है. प्रत्येक वर्ष बस अड्डे पर सवारियों और बसों की संख्या में इजाफा हो रहा. इस कारण बस अड्डे पर सवारियों के साथ बस चालकों और अन्य स्टॉफ को परेशानियां झेलनी पड़ती हैं. लंबे अर्से से बस अड्डे को संवारने की मांग की जा रही थी. इसको देखते हुए पीपीपी मॉडल के तहत 62 करोड़ की लागत से बस अड्डे को संवारने का कार्य किया जा रहा. शासन से स्वीकृत होने के बाद अत्याधुनिक इमारत, शौचालय, कंट्रोल रूम, समेत अन्य सुविधाएं मिलेंगी.
यात्रियों को परेशानी झेलनी होगी: बस अड्डे को संवारने के कारण बसों का परिचालन बंद कर दिया जाएगा. यहां की बसें साहिबाबाद से चलाई जाएंगी. ऐसे में हापुड़ और इस रूट पर जाने वाली बसें ही पुराने अड्डे के सामने से होकर गुजरेंगी. इनमें भी सीट मिलने की समस्या होगी. अगले डेढ़ साल तक यात्रियों को परेशानी झेलनी होगी. बस के लिए साहिबाबाद बस अड्डे पर जाना होगा.
डेढ़ वर्ष में ही बसें चलने लगेंगी: बस अड्डे को पूरी तरह से संवारने में वर्ष का समय लगेगा. इस माह 15 को काम शुरू होगा और इससे पहले ही यहां से बसों का परिचालन रोक दिया जाएगा. निर्माण कार्य इस तरह से किया जाएगा कि डेढ़ साल में ही इसे परिचालन के लिए तैयार कर दिया जाए. डेढ़ वर्ष बाद यहां से बारा बसों का परिचालन शुरू कर दिया जाएगा.
ये सुविधाएं मिलेंगी:
1. यात्रियों के लिए कंट्रोल रूम बनेगा
2. चालकों और परिचालकों के ठहरने के लिए कमरे होंगे
3. सवारियों के ठहरने की सुविधा होगी
4. बसों को खड़ा करने के लिए अत्याधुनिक स्टैंड बनेंगे
बरसात के दिनों में भर जाता है पानी
गाजियाबाद बस अड्डे पर अभी जलनिकासी के इंतजाम नहीं हैं. वहीं, पेयजल से लेकर शौचालय की व्यवस्था भी बदहाल है. यात्रियों के लिए पर्याप्त बेंच का अभाव है.