एफआईआर की कॉपी के लिए पीड़ित को अब नहीं लगाने पड़ेगे थाने के चक्कर, घर पहुंचाएगी पुलिस

एफआईआर की कॉपी के लिए पीड़ित को अब थाने का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा।

Update: 2022-08-29 03:47 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क।एफआईआर की कॉपी के लिए पीड़ित को अब थाने का चक्कर नहीं लगाना पड़ेगा। मुकदमा दर्जहोने के बाद बीपीओ या फिर हॉक दस्ते के सिपाही पीड़ित के घर एफआईआर की कॉपी पहुंचाएंगे। यही नहीं उनके मुकदमे की विवेचना किस दरोगा को मिली है और एफआईआर के बाद क्या कार्रवाई हुई, इससे भी उन्हें अवगत कराएंगे। डीआईजी रेंज के निर्देश के बाद यह व्यवस्था शुरू की गई है।

किसी भी मामले में एफआईआर कराने के लिए अमूमन पीड़ित पहले थाने के चक्कर लगाता है फिर एफआईआर हुई कि नहीं, उसकी कॉपी को लेकर परेशान रहता था। अब इसमें सहूलियत मिलेगी। डीआइजी रेंज जे. रविन्दर गौड़ को शिकायत मिल रही थी कि गोरखपुर कुशीनगर देवरिया और महराजगंज जिले के विभिन्न थाने में मारपीट, चोरी, हत्या सहित विभिन्न मामले में दर्ज मुकदमे और एनसीआर की कॉपी मुकदमा वादी को तुरंत नहीं मिलती है। इसकी वजह से वे कॉपी पाने के लिए परेशान रहते हैं। ऐसे में अब मुकदमा दर्ज होने के वाद उसकी कॉपी हॉक मोबाइल, शेरनी दस्ता, एक्शन मोबाइल संबधित बीपीओ के जरिए पहुंचाया जाएगा।
डीआईजी जे. रविन्दर गौड़ ने बताया कि प्रयोग के तौर पर यह व्यवस्था महराजगंज जिले में शुरू कराई गई थी। सफल होने पर गोरखपुर के साथ ही देवरिया व कुशीनगर जिले में भी शुरू करा दी गई है। सभी जिलों के कप्तान को पत्र लिखकर बताया गया है कि जिले में यह व्यवस्था शुरू कराने के साथ ही अपने स्तर से मानीटरिंग करें।
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