अमरोहा में जानवरों की मौत का सच आया सामने, पढ़ें जांच में क्या निकला
जानवरों की मौत का सच आया सामने
अमरोहा. उत्तर प्रदेश् के अमरोहा में हसनपुर तहसील के सांथलपुर गांव की वृहद गोशाला में जहरीले चारे से छह और पशुओं की मौत हो गई थी. इसके साथ ही मरने वाले कुछ पशुओं की संख्या 61 हो गई है. वहीं इस मामले में तत्काल कार्रवाई करते हुए डीएम ने चारा बेचने वाले के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का निर्देश दिया था वहीं उसे गिरफ्तार करने की बात कही है. वहीं वीडीओ को निलंबित कर दिया गया था.
बरेली स्थित भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान ;आईवीआरआई के वैज्ञानिकों को गायों के पोस्टमार्टम और क्लीनिकल टेस्ट में हरे चारे में नाइट्रोजन नाइट्रेट की मात्रा खतरनाक स्तर तक अधिक मिली है. इससे खून में मेट हीमोग्लोबिन की मात्रा तेजी से बढ़ी और ब्रेन हेमरेज के कारण पशुओं की मौत हो गई.
वहीं मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर मुख्य सचिव डा. रजनीश दुबे के नेतृत्व में गठित तीन सदस्यीय टीम ने शुक्रवार को मौके पर पहुंचकर जांच.पड़ताल की. पशुपालन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने गोशाला का निरीक्षण किया. उन्होंने जांच के आधार पर अगला कदम उठाने की बात कही है. गुरुवार को हरा चारा खाने से गोशाला के कुल 188 में से 55 गोवंशीय पशुओं की कुछ ही घंटों में मौत हो गई थी. जबकि करीब इतने ही पशु मरणासन्न हो गए थे. घटना का संज्ञान लेते हुए सीएम ने तीन सदस्य उच्च स्तरीय समिति से जांच कराने के निर्देश दिए थे.
आईवीआरआई के संयुक्त निदेशक कैडरेड डॉ. केपी सिंह ने तत्काल डॉ. एजी तेलंग, डॉ, एम स्वामीनाथन और डॉ आर रघुवरन को अमरोहा भेजा था. टीम ने रात तीन बजे दो गायों का पोस्टमार्टम किया. डॉ. केपी सिंह ने बताया कि गायों के पेट में काफी मात्रा में हरा चारा पाया गया है. क्लीनिकल परीक्षण में हरे चारे में नाइट्रोजन नाइट्रेट की मात्रा अधिक पाई गई. उनका कहना है कि नाइट्रोजन नाइट्रेट अधिक होने के कारण खून में हीमोग्लोबिन का स्वरूप बदलकर मेट हीमोग्लीबिन बन गया. इसके कारण ब्रेन हेमरेज होने से गायों की मौत हो गई.