सोसायटी में भाड़े पर कार पार्किंग का चलन बढ़ा
गेस्ट मेमोरियल कमेटी के लिए बहुत जरूरी है।
नोएडा: शहर की लैब्स सोसायटी में भाड़े पर कार की दुकान का चलन बढ़ा है। बेईमान के पास खतरनाक हैं, लेकिन कार नहीं है. ऐसे लोग रॉकेट को भाड़े पर दे रहे हैं। कॉर्वर्ड और ओपन का कॉमर्स अलग-अलग होता है। औसत रूप से दो से पांच हजार रुपये हर महीने का विक्रय व्यवसाय है।
ग्रेटर अथॉरिटी ने करीब 200 बिल्डर्स ग्रुप सोसाइटी के लिए जमीन खरीदी है। 100 से ज्यादा सोसायटी में लोग रह रहे हैं. फैक्ट्री में फ्लैट की भी खरीदारी की जाती है। अगर खरीदारी नहीं होगी तो वाहन कहां खड़े होंगे। अधिकांश एक कार रॉकेट रेस्तरां हैं। सोसायटी में कई रेजिडेंट्स ऐसे भी हैं, जिनके पास पार्क तो है लेकिन कार नहीं है। कुछ निवासी ऐसे भी होते हैं, उनके पास का निशान एक है, लेकिन कार दो हैं। दुकान से अधिक कार से उन्हें कार स्टार्ट करने में परेशानी हो रही है। लेकिन इस समस्या को 'किराये पर कार डकैती' का कांसेप्ट कम किया गया है.
पैसा देने के लिए रेडी ग्रेटर वेस्ट के गॉड ब्यूटीहैम, चेरी काउंटी, गॉड सिटी समेत टेलीकॉम सोसायटी में कार रॉकेट को किराए पर देने का चलन बढ़ाया गया है। जिन लोगों के पास कोई कार नहीं है और वे अपनी खाली जगह पर रहते हैं, वे उन्हें भाड़े पर दे रहे हैं। इसके लिए प्रति माह दो से पांच हजार रुपये का प्लांट है। शेयर पर रिकार्ड लेने वाले लोग पैसा खर्च कर रहे हैं।
कार स्टोर का व्यापारी अलग-अलग है। क्राउड स्टोराइक का स्टोर कम रहता है, जबकि ओपन स्टोर का स्टोर कम रहता है। वानस्पतिक तट पर स्थित कोई भी अभिलेख नहीं है, उन्हें जो अभिलेख कहते हैं, उन्हें भाड़े पर ले जाते हैं।
गेस्ट के लिए नहीं है डॉक्युमेंट्री गेस्ट हॉस्टल सोसाइटी में सबसे ज्यादा समस्या गेस्ट हॉस्टल की है। सोसायटी में गेस्ट का प्रोविजन नहीं रहता है। यदि किसी का सनातनी या स्वायत्त समाज में प्रवेश है तो उसे वाहन खड़ा करने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है। गेस्ट ऑर्केस्ट्रा की मांग समय-समय पर उठती रहती है। निवासियों का कहना है किगेस्ट मेमोरियल कमेटी के लिए बहुत जरूरी है।गेस्ट मेमोरियल कमेटी के लिए बहुत जरूरी है।