किदवईनगर वार्ड-79 की गलियों झील में हुई तब्दील, हर समय बने रहते हैं जलभराव के हालात
मेरठ न्यूज़: हापुड़ रोड स्थित किदवईनगर वार्ड-79 की काफी गहरी हो चुकीं टूटी-फूटी विभिन्न गलियों में हर समय जलभराव के हालात बने रहते हैं। इस वार्ड में करीब एक साल की अवधि में नगर निगम की ओर से कोई विकास कार्य नहीं कराया गया है। जिसके चलते क्षेत्र के लोग निगम प्रशासन से सवाल कर रहे हैं कि विकास के सवाल पर क्या उनका वार्ड नगर निगम का हिस्सा नहीं रह जाता! करीब 11 हजार मतदाताओं वाले मुस्लिम बाहुल्य वार्ड-79 में किदवईनगर और करीमनगर मोहल्ले आते हैं। हापुड़ रोड सिटी हॉस्पिटल के सामने स्थित गली से प्रवेश करने के साथ ही इस वार्ड के प्रति नगर निगम प्रशासन की ओर से अपनाए जा रहे उपेक्षापूर्ण रवैये का अंदाजा लग जाता है। जिनके बारे में आसिफ सैफी, शाहिद अंसारी, साईम अंसारी, जावेद मलिक, मैराजुद्दीन आदि से विस्तार से बातचीत की गई।
जिसमें यह बात उभरकर सामने आई कि इस वार्ड के वाशिंदों की प्रमुख समस्या यह है कि यहां की ज्यादातर गलियां टूटी-फूटी अवस्था में पहुंच चुकी हैं। जिन को ठीक कराने की मांग पार्षद और नगर निगम के अधिकारियों से लगातार की जाती रही है, लेकिन इस और किसी भी अधिकारी के स्तर से ध्यान नहीं दिया गया है। वार्ड के लोग बताते हैं कि जिस समय से कमेला पुल का निर्माण शुरू हुआ है, तब से लेकर करीब 10 महीने की अवधि गुजर जाने के बीच साबिर एसटीडी वाले के सामने, यामीन कांटी वाले, नदीम धपड़े वाले, जावेद मलिक की गली, अल्ल अरीम गिफ्ट सेंटर वाले, इदरीश जनरल स्टोर वालों की गलियों में स्थित मकानों में रहने वाले लोग हर दिन रास्तों में भरे पानी के बीच से होकर गुजरने को विवश हैं। साईम अंसारी बताते हैं कि उनके घर में पांच नवंबर को शादी समारोह है।
तीन नवंबर को हल्दी की रस्म के साथ ही मेहमानों की आमद बढ़ जाएगी। इनकी गली में काफी पानी भरा हुआ है। इनका परिवार आसपास ऐसे खाली मकान की तलाश में जुटा है, जहां जलभराव के कारण मेहमानों को असुविधा न हो। इन सब की स्थिति यह हो चुकी है कि सभी रास्ते झील में तब्दील हो चुके हैं। इन गहरे और टूटे फूटे रास्तों में सामान्य दिनों में हर समय पानी भरा रहता है। कई गलियों से होकर गुजरने के लिए क्षेत्र के लोगों ने एक छोर पर र्इंट और पत्थर की सिल्लियां रखकर सूखे में चलने लायक जगह बनाई हुई है। इस बारे में नागरिकों के साथ-साथ पार्षद की ओर से नगर निगम के अधिकारियों को कई बार लिखित रूप में और मौखिक रूप से अवगत कराया जा चुका है, लेकिन इन समस्याओं का समाधान तो दूर, किसी अधिकारी ने आज तक वार्ड में आकर देखना तक गंवारा नहीं किया है। इस मोहल्ले के लोग बताते हैं कि बरसात के दौरान कई कई फुट पानी इन गलियों में भर जाता है। मिनी वाली मस्जिद के सामने जलभराव की स्थिति यह रही है कि कई लोग अपने मकान तक बेचकर दूसरे इलाकों में चले गए हैं। वार्डवासी बताते हैं कि इस वार्ड की जल निकासी के लिए भूमिगत सीवर लाइन बिछाने का काम करीब एक साल पहले हुआ। इस सीवर लाइन को बिछाने के समय जहां-जहां खुदाई की गई, वहां की गलियां आज तक उसी दशा में पड़ी हुई हैं। नगर निगम या संबंधित ठेकेदार ने इन तोड़ी गई गलियों में दोबारा टाइल्स बिछाने का काम नहीं किया है। इसके अलावा जहां-जहां नए सिरे से टाइल्स बिछाने का काम किया गया,
वहां भराव के लिए डाली गई मिट्टी को बैठाने तक का काम नहीं किया गया। इसके विपरीत साथ-साथ टाइल्स बिछा दी गर्इं। जिसका नतीजा यह है कि विभिन्न गलियों में मिट्टी धंस जाने और टाइल्स के नीचे चले जाने के कारण गलियां टेढ़ी-मेढ़ी हो चली हैं। जिनमें आए दिन दुपहिया वाहन चालक फिसल कर गिरते रहते हैं और चोट खाते रहते हैं। बताया गया है कि वार्ड में पांच पुलिया टूटी पड़ी हैं, जिनमें भरने वाले पानी के बीच रास्ते का अंदाजा लगाना मुश्किल हो जाता है। जिसके कारण आए दिन हादसे होते रहते हैं। लोगों ने बताया कि बस्ती में एक ट्रांसफार्मर लिंटर डालकर कई दशक पूर्व रखा गया था। जिसके बाद आसपास के लोगों ने भी नाले पर अतिक्रमण करके अपने-अपने अवैध निर्माण कर लिए हैं। इसी कारण नाले की सफाई भी सही तरीके से नहीं हो पाती है, और क्षेत्र में जलभराव का कारण बनता है। इस्लामाबाद से आने वाला पानी ट्रांसफार्मर के नीचे आकर भर जाता है जिसके कारण वह उल्टा वार्ड की गलियों में पहने लगता है। ऊंचा पीर वाले रोड के रहने वाले मेराजुद्दीन बताते हैं कि बैंक कॉलोनी का पानी आगे नाले की ओर जाने के बजाय किदवई नगर की गलियों में बहने लगता है। इन वार्ड में रहने वाले लोग पार्षद राशिद अंसारी और नगर निगम के अधिकारियों को जलभराव की वीडियो शेयर करते हुए बताते हैं कि लोगों को आने जाने के लिए र्इंट-पत्थर आदि डालकर रास्ता बनाना पड़ रहा है। वार्ड के लोग भी अधिकारियों से यह सवाल कर रहे हैं क्षेत्र के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों किया जा रहा है।
पार्षद का कथन: वार्ड-79 के पार्षद राशिद अंसारी का कहना है कि अपने कार्यकाल में डेढ़ करोड़ से अधिक के निर्माण कार्य कराए हैं। उन्होंने प्रमुख नाले की करीब आधा किमी दीवार का निर्माण कराया है, जिसके कारण लोगों को आए दिन होने वाले हादसों से निजात मिली है। वहीं समूचे वार्ड में पथ प्रकाश की व्यवस्था बेहतर कराई है। करीब 32 छोटी-बड़ी गलियों का निर्माण कराया है। हालांकि उनका कहना है कि नगर निगम में आठ माह से एक साल के बीच नाला निर्माण, गलियों का निर्माण, सीवर लाइन की खुदाई से टूटे मार्गों की मरम्मत, आधा दर्जन पुलियों का निर्माण आदि कोई नया कार्य नहीं कराया गया है। जबकि सभी कार्यों के लिए नगर निगम में फाइलें तैयार कराई जा चुकी हैं। उन्होंने अपनी नाराजगी जताते हुए नगर आयुक्त को लिखे पत्र में सवाल पूछा है कि क्या उनका वार्ड नगर निगम के 90 वार्ड में शामिल नहीं है और अगर यह वार्ड-79 नगर निगम के क्षेत्र में आता है, तो फिर विकास के नाम पर वार्ड के साथ यह भेदभाव क्यों किया जा रहा है।