मथुरा। निरंकारी सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज ने भक्तों को सम्बोधित करते हुए कहाकि परमात्मा से जुड़ने पर हमें किसी भी प्रकार की परिस्थिति अस्थिर नहीं कर सकती। जब हम परमात्मा से इकमिक हो जाते है तब हम आनंद की अवस्था को प्राप्त कर लेते है। सत्गुरू माता जी ने ब्रह्मज्ञान का जीवन में महत्व बताते हुए कहा कि जब हमें ब्रह्मज्ञान की प्राप्ति हो जाती है तब मानव जीवन में किया गया हमारा हर एक कर्म सार्थक होता है क्योंकि वह परोपकार से युक्त होता है। सत्गुरु माता सुदीक्षा जी महाराज समालखा में होने वाले 75वें वार्षिक निरंकारी संत समागम से पूर्व अपनी जन कल्याण प्रचार यात्राओं के माध्यम से समूची मानव जाति को प्रेम, एकत्व, विश्वबन्धुत्व की भावना से युक्त जीवन जीने की प्रेरणा दे रहे हैं, जिसकी वर्तमान समय में नितांत आवश्यकता भी है। इसी कड़ी में सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज के सानिध्य में गतदिवस दिल्ली के द्वारका स्थित सेक्टर 22 के डीडीए ग्राउंड में निरंकारी संत समागम का आयोजन किया गया। संत समागम की तैयारियों में मथुरा के भी दर्जनों सेवादार भक्त अपनी सेवाएं गतदिनों अर्पित कर चुके हैं। अभी एक टीम पुनः तैयारियों के लिए समालखा जाएगी।