सैलानियों को रोमांचित कर रही 'सुल्तान' के कुनबे की दहाड़

Update: 2024-05-17 12:47 GMT
पीलीभीत पीलीभीत टाइगर रिजर्व (पीटीआर) में कुछ बाघ ऐसे हैं, जो सैलानियों की पहली पसंद बने हुए हैं। उनका शांत स्वभाव और विशाल शरीर देखने के लिए देश-विदेश के न सिर्फ सैलानी बल्कि प्रसिद्ध वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर भी यहां आ रहे हैं। इसमें सबसे प्रसिद्ध सुल्तान का परिवार है। जिसमें तीन बाघ शामिल हैं, जो यहां विचरण करते देखे जा सकते हैं।
 पिछले सत्रों के दौरान जंगल सफारी के मार्गों पर एक विशाल बाघ अक्सर सैलानियों को दिखता था। सैलानियों ने उसका नामकरण सुल्तान किया और इसी नाम से वह प्रसिद्ध हो गया। इसके अब दो शावकों ने भी बड़े होकर सुल्तान का रूप ले लिया, जिन्हें एस (सुल्तान) टू और एस (सुल्तान) थ्री नाम दिया गया। यह दोनों बाघ भी शांत स्वभाव और विशाल शरीर के लिए जाने जाते हैं।
पिछले माह पीटीआर आने वाले वाइल्डलाइफ फोटोग्राफर ने एस थ्री बाघ की कई तस्वीरें सोशल मीडिया एकाउंट पर शेयर भी कीं। जिन्हें देश और विदेश के लोगों ने खूब पसंद किया। बता दें कि पीलीभीत टाइगर रिजर्व के आंकड़ों में बाघों की संख्या 75 है। पर्यटन के दौरान सैलानी चूका बीच और जंगल की खूबसूरती को देखना तो पसंद करते ही हैं, साथ ही उनकी तमन्ना बाघ के दीदार की भी रहती है। इस समय जंगल सफारी के दौरान बाघ आसानी से देखने को मिल भी रहे हैं।
ऐसे पड़ा सुल्तान नाम
तीन साल पूर्व मुंबई से यहां घूमने आए कुछ सैलानियों ने जंगल सफारी के दौरान एक बाघ को घूमते हुए देखा। विशाल बाघ को देख सैलानियों ने उसको सुल्तान नाम दिया। इसके बाद गाइड और चालकों के जरिये अन्य सैलानियों में भी यह बाघ सुल्तान नाम से प्रसिद्ध हो गया। इसके बाद सुल्तान के दो शावक भी बड़े हो गए। जो अब एस टू और एस थ्री के नाम से जाने जाते हैं, लेकिन यह पूरा कुनबा ‘सुल्तान के परिवार’ के रूप में सैलानियों में प्रसिद्ध है।
बाघों के दीदार के मामले में भी पीटीआर आगे
पीटीआर के पर्यटन सत्र के दौरान जंगल सफारी का आनंद लेने आने वाले सैलानियों में पिछले सत्र से मुकाबले इस बार बाघ के खूब दीदार हो रहे हैं। ऐसे में पीटीआर ने देश के अन्य नेशनल पार्कों को पीछे छोड़ दिया है। इस बार सैलानियों की बढ़ती संख्या भी यही एक कारण है।
डीएफओ पीटीआर मनीष सिंह ने बताया कि बाघों का विभाग की ओर से नामकरण नहीं होता है लेकिन गाइड, चालक और सैलानी सुविधा अनुसार नाम रख देते हैं। यह बात सही है कि एस टू और एस थ्री बाघ सैलानियों को काफी पसंद आ रहे हैं।
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