कोरोना के बाद बच्चों के शारीरिक विकास की गति धीमी पड़ी

Update: 2023-01-20 12:20 GMT

गाजियाबाद न्यूज़: कोरोना के बाद बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास की गति धीमी हो गई है. कुछ बच्चों की बोलने, देखने और समझने की शक्ति कम हो रही है. राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत खुले डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंवेंशन सेंटर में अध्ययन के बाद इसका खुलासा हुआ है. फिलहाल सेंटर में प्रतिमाह 300 बच्चे इलाज के लिए आ रहे हैं.

संजय नगर स्थित संयुक्त जिला अस्पताल के प्रथम तल पर चल रहे डिस्ट्रिक्ट अर्ली इंटरवेंशन सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक कोरोना काल के दौरान जन्मे बहुत से बच्चों में त्वचा और दांत की बीमारी देखने को मिल रही हैं. इसके अलावा उनका मानसिक और शारीरिक विकास भी धीमा हुआ है. नवजात बच्चों में क्लब फुट (पैर टेढ़े होना), होंठ या नाक का कटा होना और पोषण की कमी होना सामान्य बीमारियां हैं. कोरोना काल के उसके बाद जन्में बच्चों में आंखे, दांत और त्वचा की समस्याएं काफी ज्यादा हैं. इसके अलावा बच्चों में देर से बोलना शुरू करना, सोशल ना होना (दूसरे बच्चों या बड़ों से इंट्रैक्शन न करना), शारीरिक विकास बहुत धीमा होना जैसी समस्याएं भी देखने को मिल रही हैं. चीजों की पहचान में परेशानी बच्चों में देखने को मिल रही है. इसके अलावा बच्चों में दिल और सांस संबंधी बीमारियां भी मिल रही हैं. इनमें से जिन बीमारियों का उपचार सरकारी अस्पतालों में संभव है उन्हें वहां रेफर किया जाता है और बहुत से बच्चों के मेरठ, नोएडा और दिल्ली रेफर किया जा रहा है.

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