सिटी न्यूज़: भारतीय किसान यूनियन (अराजनीतिक) के तत्वावधान में बड़ी तादाद में किसान डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर के महाप्रबंधक समेत कई अधिकारियों को बंधक बना लिया। जिस किसान की जमीन का अधिग्रहण हुआ हैं, उस प्रत्येक किसान को नौकरी दी जाएगी,लेकिन नौकरी एक भी किसान परिवार को नहीं दी गई। इन मुद्दों को लेकर किसानों ने अधिकारियों को कई घंटे तक बंधक बनाया। किसानों ने चेताया कि यदि किसानों को डीएफसीसी द्वारा शीघ्र ही मुआवजा नहीं दिया तो मुजफ्फरनगर में काम नहीं होने दिया जायेगा। क्षतिग्रस्त सड़कों को भी ठीक कराया जाए। मुआवजा नहीं दिया जा रहा हैं। डीएफसी का पूरा काम बंद करने के लिए किसानों ने आंदोलन की धमकी दी हैं। माल ढुलाई के लिए पश्चिमी बंगाल के हावड़ा रेलवे स्टेशन से लुधियाना तक रेलवे कॉरिडोर बनाया जा रहा है। जिसमें मेरठ क्षेत्र तक लगभग काम पूरा हो चुका है, लेकिन मुजफ्फरनगर में काम तेजी से किया जा रहा है। किसानों का आरोप है कि डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर में किसानों को जो अनुदान राशि दी जानी चाहिए थी, उसका भुगतान किसानों को नहीं किया जा रहा। किसानों को आर एंड आर का जो मुआवजा नहीं दिया जा रहा, उससे किसानों में भारी नाराजगी है।
किसान बाइपास स्थित फ्रेट कॉरिडोर के आफिस पहुंचे और वहां मुख्य महाप्रबंधक अनिल कालरा सहित समस्त स्टाफ को घंटों तक बंधक बनाया। जिलाध्यक्ष मुजफ्फरनगर अंकित चौधरी, जिलाध्यक्ष नवाब अहलावत, युवा जिलाध्यक्ष अक्षय त्यागी, मंडल अध्यक्ष नीरज पहलवान आदि किसानों का आरोप है कि रेलवे द्वारा बनाये गये अंडरपास में बरसात के दिनों में पानी भर जाता है। जिससे किसानों व आम आदमी को निकलने में भारी परेशानी होती है। अंडरपास के आसपास की मिट्टी उनके खेतों में जाने से फसले खराब हो रही है। इसके अलावा किसानों को जो अनुदान के रूप में मुआवजा दिया जा रहा था, वह नहीं मिला और अब यह मुआवजा डीएफसीसी के अर्न्तगत दिया जाये, नहीं तो किसान मुजफ्फरनगर में काम नहीं होने देंगे।
जीएम अनिल कालरा व अन्य अधिकारियों ने किसानों की पहली दो मांग पर कार्रवाई का आश्वासन दिया और शेष मांग पर अपने आलाधिकारियों को ज्ञापन भेजकर अग्रिम कार्रवाई के लिए कहा। किसानों ने मांग पत्र आईआरएसई मुख्य महाप्रबंधक अनिल कालरा को दिया।