आंदोलन को मिला हरियाणा के किसानों का साथ

Update: 2023-02-03 12:54 GMT

मुज़फ्फरनगर: नगर के जीआईसी मैदान में किसानों का आंदोलन छठे दिन भी जारी रहा और यहां पर लगातार किसानों के तंबूओं के साथ-साथ किसानों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। विगत दिनों से किसान नेता चौधरी राकेश टिकैत अपने भाषणों में और मीडिया को दिए वक्तव्य में लगातार कहते रहे हैं, कि हरियाणा और पंजाब के लोग यहां आने के लिए तैयार बैठे हैं। उसी क्रम में आज हरियाणा के पानीपत जिले से सोनू मालपुरिया और कई खापों के चौधरियों ने आकर अपना समर्थन दिया और कहा कि जब भी किसान भाइयों को हमारी जरूरत होगी एक आवाज लगा देना, हम सब भारी भीड़ के साथ यहां मौजूद होंगे।

सोनू मालपुरिया ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अभी चौधरी राकेश टिकैत का आह्वान नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि आज हम अपने किसान भाइयों से मुजफ्फरनगर में मिलने आए हैं। यदि चौधरी राकेश टिकैत आवाज देंगे तो मुजफ्फरनगर से पानीपत तक रास्ता जाम कर देंगे और इस जीआईसी मैदान को भर देंगे। उन्होंने बीती 5 सितंबर को हुई महापंचायत का जिक्र करते हुए कहा किसान महापंचायत में भी वह आए थे।

सोनू मालपुरिया ने बताया कि टिकैत साहब ने कह रखा है कि यह यूपी वालों के अधिकारों की लड़ाई है। उन्होंने कहा कि हम तो बिन बुलाए आ गए थे, अपने किसान भाइयों का पता लेने के लिए कि वह सर्दी की रातों में किस तरह रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि टिकैत साहब एक बार आवाज देवे तो हरियाणा वाले इस ग्राउंड को इस ढाल भर देंगे कि यहां जगह नहीं रहेगी।

उन्होंने कहा कि चौधरी राकेश टिकैत, हरियाणा में बड़े टिकैत साहब की तरह ही पूजे जाते हैं। उन्होंने कहा कि चौधरी राकेश टिकैत महेंद्र सिंह टिकैत के पद चिन्हों पर चल रहे हैं।

उन्होंने कहा कि टिकैत साहब के मना करने के बाद भी पानीपत यूनियन से 60-70 लोग मुजफ्फरनगर पहुंचे हैं। उन्होंने कहा कि राकेश टिकैत जो हमारी लड़ाई लड़ रहे हैं बहुत बढ़िया तरीके से लड़ रहे हैं और हमें इनके साथ होना चाहिए। उन्होंने कहा कि टिकैत साहब एक आवाज देंगे तो इस जीआईसी मैदान को भर देंगे।

उन्होंने कहा कि हरियाणा की 1 मिल में किसानों का भुगतान नहीं हो रहा था तो टिकैत साहब ने किसानों के अधिकारों की लड़ाई लड़ने का काम किया था। सोनू ने बताया कि हरियाणा में भी किसानों के गन्ने का भुगतान और गन्ने का मूल्य वृद्धि नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने वादा किया था कि 450 रु प्रति क्विंटल दर से गन्ना खरीदा जाएगा जबकि 9 साल केंद्र में सरकार को पूरे हो चुके हैं लेकिन अभी तक किसानों के गन्ने का भाव नहीं बढ़ा है।

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