उत्तर प्रदेश के अयोध्या जनपद में सरयू घाट पर स्नान करने के बाद साधु ने अपना हाथ का पंजा काट लिया. उसके जेब में से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखा गया एक पत्र मिला है. फिलहाल, साधु की हालत गंभीर बनी हुई है. उसका इलाज किया जा रहा है. हालांकि, उन्होंने जब अपना हाथ काटा तो उस वक्त घटनास्थल पर चारों ओर हड़कंप मच गया.
जानकारी के मुताबिक, साधु बिहार के अररिया का रहने वाला है. उसका नाम विमल कुमार है. वह अररिया के ग्राम पंचायत सिमरनि का रहने वाला है. वह समाजसेवी भी है. स्थानीय लोगों ने मीडिया को बताया कि साधु ने सोमवार सुबह सरयू तट के किनारे अपने हाथ के पंजे को काट लिया था. साधु का दाहिना हाथ पूरी तरह से कटकरअलग हो गया था. मौके पर पहुंचे पुलिसकर्मियों और स्थानीय लोगों ने किसी तरह घायल साधु को अस्पताल पहुंचाया. जहां से उसकी हालत नाजुक होने पर उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया.
पत्र में क्या की गई है मांग?
डॉक्टरों ने साधु की हालत गंभीर बताई है. फिलहाल पुलिस परिजनों से संपर्क कर घटना के कारणों की गहराई से पड़ताल करने में जुटी हुई है. साधु की जेब से एक पत्र मिला है. इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना, मनरेगा मिट्टी भराई, शौचालय योजना, राजस्व और भूमि सुधार सड़क ढलाई योजना, कन्या विवाह योजना सहित कई अन्य योजनाओं में अनियमितता और भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है.
सीएम नीतीश से भी कर चुका है भेंट
सोमवार सुबह करीब 9 बजे एक साधु सरयू नदी के तट पर पहुंचा. वहां स्नान करने के बाद उसने पीला वस्त्र पहना और पूजा की. इसके बाद भीड़ के सामने ही उसने झटके से बांका मारकर पंजा अलग कर दिया. पंजा अलग होकर करीब एक फीट दूर गिरा. साधु भी जमीन पर गिर गया. खून से उसका पूरा शरीर लथपथ हो गया. घटना को देखकर घाट पर मौजूद लोग हैरान रह गए. वह बिहार सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार से परेशान है. इसके विरोध में 15 मार्च 2022 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मिलकर उसने इस पर काबू करने की मांग की थी. अब उसने यह कदम उठाया है.