अम्बेडकरनगर: अम्बेडकरनगर में जिला अस्पताल में आग लगने के बाद उसे बुझाने के लिए लगा फायर हाइड्रेंट देखरेख के अभाव खराब हो चुका है। इससे रोजाना जिला अस्पताल जाने वाले मरीज व तीमारदारों की जान जोखिम में बनी रहती है। जिला अस्पताल में करीब दो सौ मरीज हमेशा भर्ती रहते है। साथ ही उनके साथ उनके तीमारदार भी रहते है।
एक दशक पहले हुए जिला अस्पताल के निर्माण के समय ही कभी आग लगने पर उससे निपटने के लिए अस्पताल परिसर में दर्जनों फायर हाइड्रेट लगे, लेकिन समय बीतने के साथ फायर हाइड्रेंट देखरेख के अभाव में एक एक-कर खराब होते चले गए। अब सभी खराब पड़े हैं। गर्मी में आग की वारदातों में वृद्धि होने की आशंका रहती है। इसे देखते हुए भी अस्पतालों में जरूरी प्रबंध नहीं हो पा रहे।
जिला अस्पताल में इमरजेंसी के साथ ही वार्डो में करीब दो सौ मरीज हमेशा भर्ती रहते है। वही उनके साथ सैकड़ो तीमारदार रहते हैम दिन में ओपीडी के समय हजारो मरीज रहते है। ऐसे में अगर कभी अस्पताल में आग लग गयी तो मरीजो एवं तीमारदारों की जान मुश्किल में पड़ जाएगी। हालांकि जिला अस्पताल में आग से निपटने के वैकल्पिक प्रबंध के तौर पर बालू भरी बाल्टियां है।
इसके अलावा 55 छोटे अग्निशामक सिलेंडर लगाए गए हैं, लेकिन लोगों का मानना है कि यदि आग की बड़ी घटना होती है तो ये यंत्र आग पर काबू पाने में नाकाफी होंगे। अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर ओम प्रकाश ने कहा कि खराब पड़े फायर हाइड्रेंट को बदलवाने के लिए बीते दिनों लखनऊ से तकनीकी टीम आई थी। सर्वे किया है। शीघ्र ही नए अत्याधुनिक फायर हाइड्रेंट लगाए जाएंगे।