लखनऊ: आंतरिक और बाह्य परिवेश में भारत तेजी से सकारात्मकता के साथ बदल रहा है। वैश्विक फलक पर उसकी भूमिका बढ़ रही है। वैश्विक मंचों पर अब उसकी अनदेखी नहीं की जा सकती। दुनिया के 20 शक्तिशाली और प्रभावशाली देशों के समूह जी-20 का नेतृत्व मिलना नए भारत की ताकत का प्रमाण है।
यह बातें दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में रक्षा अध्ययन विभाग के आचार्य प्रो. हर्ष कुमार सिन्हा ने कहीं। वह महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, आरोग्यधाम के गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज आफ नर्सिंग के व्याख्यान कक्ष में "भारत की मेजबानी में जी-20 सम्मेलन" विषय पर आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। प्रदेश शासन के उच्च शिक्षा विभाग द्वारा दिए गये निर्देश के क्रम में जी-20 सम्मेलन की मेजबानी के व्यापक प्रचार-प्रसार हेतु आयोजित कार्यशाला में प्रो सिन्हा ने कहा कि जी-20 का नेतृत्व करना भारत और सभी भारतवासियों के लिए अभूतपूर्व और गौरवपूर्ण अवसर है। यह वह मंच है जब हम अपने देश को पुनः विश्व गुरु की उपाधि दिलाने की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने जी-20 सम्मेलन के उद्देश्य, प्रचार-प्रसार तथा इस हेतु निर्धरित अवधि में किए जाने वाले कार्यक्रमो से सभी को विस्तारपूर्वक अवगत कराया।
स्वास्थ्य एवं पोषण संवर्धन का नया अध्याय है इंटरनेशनल मिलेट्स ईयर: इस अवसर पर प्रो सिन्हा ने भारत के प्रयास से संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष घोषित करने पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि यह अपनी कृषि विरासत को संजोने, उसे वैश्विक ख्याति दिलाने का सारगर्भित प्रयास तो है ही संपूर्ण विश्व के बेहतर स्वास्थ्य एवं पोषण संवर्धन का भी नया अध्याय है। प्रो सिन्हा ने मिलेट्स (मोटे अनाज) के फायदे तथा इससे देश के विकास में होने वाले योगदान को भी समझाया।
कार्यशाला में क्षेत्रीय जनपदीय नोडल अधिकारी गोरखपुर प्रो. श्रीमती कुमुद त्रिपाठी, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के उप कुलसचिव श्रीकांत, अधिष्ठाता संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान संकाय प्रो.सुनील कुमार सिंह, कृषि विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डॉ विजय दुगेसर, गुरु श्री गोरक्षनाथ कॉलेज आफ नर्सिंग की प्रधानाचार्या डॉ. डीएस अजीथा एवं समस्त प्रध्यापक , छात्र-छात्राओं की सहभागिता रही। कार्यशाला का संचालन डॉ. अखिलेश कुमार दुबे ने किया।