मेरठ: चौधरी चरण सिंह विवि में कोरिया की जिन छात्राओं का मानसिक उत्पीड़न कर धर्मपरिवर्तन करने का आरोप लगाया था, उस मामले में गृह मंत्रालय की फटकार के बाद नकाबपोश छात्रों की अभी तक शिनाख्त नहीं हो पाई है। पुलिस परिसर में छात्रों की खोजबीन में लगी हुई है।
चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में घूमने आई कोरियन युवतियों से दुर्व्यवहार की घटना ने सोशल मीडिया पर बड़ा रूप ले लिया है। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। बालीवुड डायरेक्टर से लेकर इंडो-क्रिश्चियन संस्कृति पर काम कर रही संस्था ने इस घटना की भर्त्सना की है। तमाम लोग विवि में जो घटा उसका वीडियो सोशल मीडिया पर शेयर कर इसे गलत बता रहे हैं।
इंडो-क्रिश्चियन कल्चर पर काम कर रही संस्था इंडो-क्रिश्चियन कल्चर ने भी इस वीडियो को अपने सोशल मीडिया पर शेयर किया है। संस्था ने अपनी पोस्ट में लिखा कि ये विदेशी युवतियां भारतीय भाषा का अध्ययन करने इंडिया आई। इनके साथ बहुत गलत व्यवहार किया गया। विदेशियों को घृणा और अपराध का शिकार होते देखना बहुत दुख की बात है। इन घटनाओं से विदेशों में भारत की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचेगी।
पुलिस ने स्वयं विदेशी युवतियों पर धर्मपरिवर्तन कराने के दवाब की घटना का खंडन किया है। पुलिस द्वारा जारी पोस्ट में लिखा गया कि ये विदेशी युवतियां केवल मेरठ विवि में घूमने आई थी। कुछ युवकों ने जानबूझकर युवतियों से उनके बारे में और उनके धर्म के बारे में पूछा। उसका वीडियो बनाकर दुष्प्रचारित किया गया है। जैसे ये युवतियां अपने धर्म का प्रचार कर रही हों। जो पूरी तरह गलत है। मेडिकल पुलिस आरोपी छात्रों की तलाश में परिसर मेंं गई और छात्रों से पूछताछ भी की।