उत्तरप्रदेश | सपा नेता आजम खां के समधी निर्यातक रिजवान खान की निर्यात फर्म यूनिवर्सल एक्सपोर्ट में जीएसटी की हेराफेरी के मामले में छापेमारी की गई वह एक महीने से लगातार वाणिज्य कर विभाग के रडार पर थी. वाणिज्य कर विभाग की विशेष अनुसंधान शाखा ने जांच की प्रक्रिया पूरी करने के बाद एक्सपोर्ट फर्म पर छापे की कार्रवाई की.
मुरादाबाद की निर्यात इकाई यूनिवर्सल एक्सपोर्ट फर्म पर वाणिज्य कर विभाग की टीम ने छापा मारा था. इसमें फर्म द्वारा फर्जी तरीके से पौने तीन करोड़ रुपये की जीएसटी की चोरी की कारस्तानी सामने आई. विभाग के अधिकारियों के मुताबिक इस एक्सपोर्ट फर्म की तरफ से फर्जी इनवॉइस का इस्तेमाल करके जीएसटी का रिफंड प्राप्त कर लिया गया था. जिस फर्म के नाम से इनवॉइस जारी की गई थी वह जांच में फर्जी पाई गई. अधिकारियों ने बताया कि यह मामला संज्ञान में आने के बाद एक महीने पहले ही विभाग की एसआईबी को कार्रवाई के लिए आदेश जारी कर दिया गया था. फर्म संचालक की ओर से 46 लाख रुपये की जुर्माना राशि चुकाई गई है. जुर्माने की शेष धनराशि मय ब्याज के जल्द ही वसूली जाएगी.
बदली रणनीति मिली बड़ी गड़बड़ी तो बिछाया जाल
जीएसटी की हेराफेरी के मामले बड़े पैमाने पर सामने आने के मद्देनजर वाणिज्य कर विभाग ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है. अधिकारियों के मुताबिक जिन मामलों में टैक्स की हेरा-फेरी ज्यादा होने का अंदेशा है उन्हीं में सघन जांच करके वसूली पर फोकस बढ़ाया गया है. वाणिज्य कर मुरादाबाद जोन में ऐसे मामलों की पड़ताल करके प्रति माह एक करोड़ रुपये की वसूली का टारगेट एसआईबी को दिया गया है. पड़ताल पूरी होते ही छापा मारा गया.
एक्सपोर्ट फर्म की तरफ से बड़े स्तर पर जीएसटी चोरी होने का संदेह मिलने पर कई स्तरों पर जांच शुरू कर दी गई थी. गड़बड़ी उजागर होने पर इस संबंध में एसआईबी को छापेमारी की कार्रवाई का आदेश एक महीना पहले जारी कर दिया गया था.
कमलेश्वर प्रसाद वर्मा, एडिशनल कमिश्नर ग्रेड वन, मुरादाबाद जोन, वाणिज्य कर