Kushinagarराजापाकड़/कुशीनगर: मर्यादा पुरुषोत्तम राम ने अपना पूरा जीवन एक मर्यादा में रहकर व्यतीत किया। राम ने अपने आचरण से हर किसी के लिए एक उदाहरण स्थापित किया। प्रभु श्री राम एक आदर्श मनुष्य,पुत्र,भाई और पति होने के साथ-साथ एक आदर्श कुशल शासक भी थे। उनके शासन काल में व्याप्त सुव्यवस्था के कारण ही आज भी रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है।
यह बातें वृन्दावन धाम से पधारे कथावाचक आचार्य सुदामा जी महाराज ने कही। वह तुलसी आवास विकास कालोनी फेज टू पडरौना के गोस्वामी तुलसीदास पार्क में आयोजित सात दिवसीय संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार की सायं श्रोताओं को पृथु चरित्र, जड़ भरत चरित्र, अजामिल उपाख्यान, वामन चरित्र, सूर्यवंश का वर्णन, राम जन्म, झांकी सहित भगवान श्रीकृष्ण जन्मोत्सव व नंदोत्सव का प्रसंग सुना रहे थे। कथावाचक ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण का चरित्र अत्यंत ही विलक्षण व कर्मयोगी रहा है। उन्होंने बालपन से लेकर जीवन पर्यंत अपनी लीलाओं से संसार को पार उतारा है। प्रभु की बाल लीलाओं में भी संसार के लिए संदेश दिए गए हैं। बालपन में अनेकों दैत्यो का वध करने में भी लीला रही और संसार से बुरी आत्माओं को चुनकर परलोक भेज देना भी उन्हीं की लीला रही। भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव पर श्रद्धालुओं ने फूल बरसाया व जमकर नाचे। इस दौरान बच्चों में टाफियां व खिलौने वितरित हुए।
पं. दिनेश त्रिपाठी व नवनीत पांडेय ने मूल परायण पाठ किया। संगीतमई कथा में सुदेश मिश्र, विनय शर्मा व विनीत त्रिवेदी आदि कलाकारों ने संगीत पर संगत की। मुख्य यजमान दिवाकर मिश्र, मंजू मिश्र, सुचित्रा देवी, केन यूनियन खड्डा के चेयरमैन सुप्रिय मालवीय, बृजेश कुमार मिश्र, आशुतोष मिश्र, मनोज कुमार पांडेय, कृष्ण मोहन मिश्र, सुनील कुमार मिश्र, आलोक कुमार मिश्र, पंकज कुमार मिश्र, नीलिमा, अवि, सूरज, अतुल, ऋद्धिमा, कौस्तुभ, परिणिति, पायल, संजय चौबे, तेज प्रताप सिंह आदि श्रद्धालु मौजूद रहे।